गणतंत्र दिवस हर साल मनाया जाता है। ऐसे में इस साल भी इस दिन को मनाने के लिए लोग उत्साहित है। आपको बता दें कि इस साल देश 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। ऐसे में हर बार गणतंत्र दिवस पर भी स्वतंत्रता दिवस की तरह झंडा फहराया जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इन दोनों नेशनल फेस्टिवल्स की सेलिब्रेशन में क्या फर्क है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
दोनों दिन झंडा फहराने में फर्क- जी दरअसल 15 अगस्त 1947 के दिन हमारे देश को आजादी मिली थी और तब ब्रिटिश झंडे को नीचे उतारकर, भारतीय ध्वज को ऊपर चढ़ाया गया था, फहराया गया था। जी हाँ, उस समय झंडे को नीचे से ऊपर ले जाया गया था और इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण कहा गया है। इस कारण से 15 अगस्त को ध्वजारोहण इस तरीके से होता है। वहीं 26 जनवरी को हमारा संविधान लागू हुआ था इस कारण इस दिन पहले से ऊपर बंधे हुए झंडे को केवल फहराया (Flag Unfurling) जाता है।
कौन करता है ध्वजारोहण - वैसे तो15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं लेकिन 26 जनवरी को राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। जी हाँ , और ऐसा इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री देश के राजनीतिक प्रमुख होते हैं, जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं।
कहां फहराया जाता है - आपको बता दें कि हर साल स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन लाल किले पर करते हैं। ऐसे में 26 जनवरी 1950 को आजाद भारत का संविधान लागू होने पर पहले गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन राजपथ पर किया गया था।
कौन करता है संबोधन - आपको बता दें कि 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री लाल किले से देश को संबोधित करते हैं। वहीं गणतंत्र दिवस के मौके पर को संबोधन नहीं करता है।
गणतंत्र दिवस को लेकर दिल्ली में बढ़ाई गई सुरक्षा, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात
repuliceday पर जम्मू की सुरक्षा कड़ी, चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिस
आज चार दिवसीय दौरे पर भारत आएँगे ब्राज़ील के राष्ट्रपति, गणतंत्र दिवस समारोह में होंगे मुख्य अतिथि