इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के नेहरू स्टेडियम में 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम में सीएम शिवराजसिंह चौहान ध्वजारोहण किया तथा रस्मी परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में बताया कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। यह अमृत महोत्सव तथा गणतंत्र दिवस का आज अद्भुत एवं अविस्मरणीय संगम है। हमने 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी कि जयंती मनाई है। अब गणतंत्र दिवस का त्यौहार 23 जनवरी से 26 जनवरी तक मनाया जाएगा। मैं नेताजी के चरणों में नमन करता हूं। हमें स्वतंत्रता चांदी की तश्तरी में नहीं मिली बल्कि इसके लिए हजारों क्रांतिकारियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया है। एक ओर पूज्य बापू जी के नेतृत्व में अहिंसक आंदोलन चला था तो दूसरी ओर क्रांतिकारियों ने अपने रक्त की आखिरी बूंद से भारत माता की पवित्र माटी को रंगा था।
साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को को धन्यवाद, उन्होंने अमर शहीद क्रांतिकारियों की सही गाथा न सिर्फ भारत के समक्ष रखी बल्कि उनकी स्मृति बनी रहे तथा प्रेरणा देते रहें इसलिए भारत में अनेक स्मारकों का निर्माण हुआ। मुझे ख़ुशी है कि इंडिया गेट पर अब नेताजी बोस की विशाल प्रतिमा लगाई जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि आज का दिन डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के चरणों में शीष नवाने का दिन है, जिन्होंने भारतीय संविधान के एक-एक अनुच्छेद को अपनी प्रखर प्रतिभा से अभिसिंचित किया है। आज का दिन संविधान सभा की प्रारूप समिति के सभी सदस्यों के प्रति कृतज्ञ तथा नतमस्तक हो जाने का दिन है। संविधान सभा के अध्यक्ष और भारत के पहले राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया था- 'संविधान निर्जीव वस्तु है। इंसान उसमें जान डालता है। इसलिए संविधान बन जाने के पश्चात् जरुरत इस बात की है कि इसके संचालन में सच्चे देश सेवक निकलें व नि:स्वार्थ भाव से देशहित व लोकहित के काम में लाएं।'
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