नई दिल्ली : यदि निजी क्षेत्र में आरक्षण की पहल की गई, तो इससे देश के निवेश के माहौल पर बुरा असर पड़ेगा. राजनीतिक दलों को समझाइश देते हुए उद्योग जगत की प्रमुख संस्था एसोचैम ने कहा कि इससे निवेशकों में 'गलत संकेत' जाएगा.
बता दें कि एसोचैम का कहना है कि अभी भारत की अर्थव्यवस्था सुधार की ओर बढ़ रही है,ऐसे में निजी क्षेत्र में आरक्षण को लेकर दिया गया कोई भी राजनीतिक बयान आर्थिक क्षेत्र में निवेश परिवेश के लिये हानिकारक हो सकता है .हालांकि इस मामले में उद्योग मंडल ने सकारात्मक पहल करने की बात कही है.एसोचैम के अनुसार कारोबार सुगमता रैंकिंग से मिलने वाले लाभ को उद्योग जगत खोना नहीं चाहता.
उल्लेखनीय है कि एसोचैम की यह टिप्पणी इसलिए आई,क्योंकि कुछ दिन पहले केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान के अलावा कुछ और दलों के नेताओं ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) को आरक्षण देने की मांग की थी. एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा कि राजनीतिक दलों को इसके बजाय ऐसा वातावरण बनाने पर ध्यान देना चाहिए जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में लाखों नौकरियां पैदा हो सके.राजनीतिक दलों को वैश्विक और घरेलू निवेशकों को गलत संकेत भेजने से बचना चाहिए,क्योंकि इसका निवेश परिवेश पर बुरा असर पड़ेगा.
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