नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति की दो दिवसीय बैठक आज खत्म हो गई. इस बैठक में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट को 6 फीसदी पर जबकि रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी पर यथावत रखा गया है.
उल्लेखनीय है कि नए वित्त वर्ष 2018-19 की पहली द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6 फीसदी पर और रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी और कैश रिजर्व रेश्यो यानी सीआरआर को 4 फीसदी पर यथावत रखा गया है. रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष का विकास अनुमान 7.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत लगाया है. मौद्रिक नीति समिति के अनुसार वृद्धि दर सुधर रही है और उत्पादन का अंतर घट रहा है.बैंक के इस निर्णय से सस्ता कर्ज मिलने के लिए जून में होने वाली अगली बैठक का इंतजार करना पड़ेगा.
आपको बता दें कि मौद्रिक नीति समिति ने 6-7 फरवरी को हुई अपनी पिछली बैठक में भी बढ़ती महंगाई का हवाला देते हुए नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करते हुए आरबीआई ने रेपो रेट को 6 फीसदी पर जबकि रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी बरक़रार रखा था. रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को रिजर्व बैंक कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण उपलब्ध कराते हैं, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आर.बी.आई. में जमा धन पर ब्याज मिलता है.
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