भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों के दस्तावेज़ जांचते हुए एयरटेल पैमेंट बैंक पर पांच करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया है. रिज़र्व बैंक ने एयरटेल पर नो यूजर कस्टमर यानि केवाईसी और परिचालन सम्बन्धी दिशनिर्देशों के उल्लंघन में एयरटेल पेमेंट बैंक पर पांच करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया है. जाँच में पाया गया की एयरटेल ने अपने ग्राहकों की स्पष्ट सहमति लिए बगैर ही उनके खाते खोल दिए हैं. आरबीआई ने एक बयान में कहा कि उसने 7 मार्च को एयरटेल पेमेंट बैंक लि. पर पांच करोड़ रूपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया था क्यूंकि एयरटेल ने केवाईसी और परिचालन सम्बन्धी दिशनिर्देशों का उल्लंघन किया है.
ग्राहकों की सहमति के बिना खाते खोले जाने की शिकायतों के बाद रिजर्व बैंक ने 20-22 सितम्बर को बैंक का निरीक्षण किया था. रिजर्व बैंक की जांच रिपोर्ट के अनुसार 23 लाख से ज्यादा ग्राहकों के एयरटेल पेमेंट बैंक के खातों में 47 करोड़ रुपए जमा हुए हैं. जबकि उन्हें जानकारी तक नहीं थी कि उनका बैंक खाता खोल दिया गया है. निरीक्षण दौरे और दस्तावेजों के आधार पर साबित हो गया कि बैंक ने केवाईसी और परिचालन सम्बन्धी दिशानिर्देशों का उल्लंधन किया है. इसके बाद रिज़र्व बैंक ने 12 जनवरी तक एयरटेल से इस सन्दर्भ में जवाब माँगा था . एयरटेल बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई में दिए गए तर्कों के आधार पर यह साबित हो गया कि बैंक पर लगाए गए सभी आरोप सही हैं. रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि नियामकीय अनुपालन में गड़बड़ी पायी जाने पर जुर्माना लगाया गया है लेकिन इसके लेनदेन और ग्राहकों की समझौता वैधताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
पूरा मामला यह था कि एयरटेल के मोबाइल उपभोक्ताओं की ओर से शिकायतें आने लगीं थीं कि उनकी जानकारी के बिना खाते खोल दिए गए हैं और उनकी सब्सिडी अब सीधे इन खातों में आने लगी है. जब इसकी शिकायत की गयी तो आरबीआई और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने भी जांच शुरू कर दी.
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