नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के यवतमाल में बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। बताया गया है कि इस बैंक में कमाई की संभावनाएं नहीं थीं। RBI ने इस बैंक में कई तरह के कार्यों पर बैन लगा दिया है। अब इसके खाताधारक पैसे डिपाजिट नहीं कर सकते और न ही निकासी कर सकते हैं। वहीं बैंक अब बैंकिंग से जुड़ा कोई भी कार्य नहीं कर सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, RBI ने ‘बैंकिंग’ के कारोबार का संचालन करने से प्रतिबंधित कर दिया गया। RBI ने बताया है कि इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। ऐसे में यह बैंक का संचालन करने के लिए ठीक नहीं है। साथ ही RBI ने यह भी कहा कि, यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 की धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है। ऐसे में यह बैंक पर्याप्त पूंजी की कमाई नहीं करता है। इसके साथ ही, यह बैंक बैंक धारा 22(3) (A), 22 (3) (B), 22 (3) (C), 22 (3) (D) और 22 (3) (E) की जरूरतों का पालन करने में नाकाम रहा है।
रेलवे बैंक द्वारा की गई पड़ताल में पता चला है कि बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के मुताबिक नहीं है। यदि, बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को और आगे ले जाने की इजाजत दी जाती है तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। RBI ने अपने आदेश में कहा था कि बैंक अपनी मौजूदा आर्थिक स्थिति के साथ अपने मौजूदा जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा। प्रत्येक जमाकर्ता DICGC अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अधीन जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक जमा बीमा दावा राशि हासिल करने का हकदार होगा। इस बैंक से करीब 79 फीसद जमाकर्ता DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि हासिल करने के हकदार हैं।
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