नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनी बजाज फाइनेंस लिमिटेड पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना ठोंका है. "निष्पक्ष व्यवहार संहिता" का उल्लघंन करने के कारण यह जुर्माना लगाया गया है. इस बात की पुष्टि आरबीआई ने कर दी है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ये कार्रवाई नियमाकीय अनुपालन में खामी बरतने के कारण की गई है.
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वहीं आरबीआई ने यह स्पष्ट किया है कि यह निर्णय ग्राहकों के साथ एनबीएफसी के लेनदेन या समझौते पर आधारित नहीं है. उल्लेखनीय है कि बजाज फाइनेंस उपभोक्ता ऋण, सूक्ष्म एवं मझोले उद्यमों और वाणिज्यिक ऋण उपलब्ध कराती है. वहीं पूर्व प्रमुख आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने कहा है कि, आरबीआई आर्थिक स्थिति में बढोतरी करने के लिए ब्याज दर कम कर सकती है.
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बसु ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित किए गए एक सत्र में कहा है कि, 'गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की दिकक्तों ने बैंकों को अलर्ट कर दिया है. हालांकि भारत में ब्याज दरों को कुछ कम करने की सम्भावना है. उन्होंने यह भी कहा है कि आरबीआई को पूर्ण स्वायत्तता के साथ अकेले छोड़ देना चाहिए. जीएसटी के बारे में बसु ने कहा है कि यह विदेशों से लिया गया आईडिया है, किन्तु इसे सही ढंग से लागू नहीं किया गया.
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