नई दिल्ली: कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देश में मांग में गिरावट दिखने लगी है. RBI ने कहा कि इस महामारी की दूसरी लहर से डिमांड में गिरावट आई है. RBI ने अपने मासिक बुलेटिन में कहा है कि कोरोना के केस दोबारा बढ़ने से मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियां बहुत अधिक कम नहीं हुई हैं, लेकिन इसे नुकसान जरूर हुआ है.
RBI के अनुसार, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने भारत सहित पूरी दुनिया के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं, किन्तु इसे रोकने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी है. मासिक बुलेटिन के अनुसार, अप्रैल और मई में इकोनॉमिक इंडिकेटर कमजोर हुए हैं. कोरोना की दूसरी लहर का सबसे अधिक असर मांग पर पड़ा है, इसके साथ ही मोबिलिटी, खर्च और रोजगार में गिरावट आई है जबकि इनवेंटरी में वृद्धि हुईं है. इसका मतलब कि डिमांड नहीं बढ़ रही है. हालांकि इसका सप्लाई पर कम असर रहा है.
RBI ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियां धीमी हुई हैं, किन्तु कोरोना की दूसरी लहर का असर के गत वर्ष आई कोरोना की पहली असर से कम है. कोरोना के चलते आर्थिक गतिविधियों में रुकावट के कारण एनबीएफसी के बिजनेस को बहुत नुकसान हुआ है. आरबीआई के अनुसार, सरकार ने कोरोना से हो रही मुश्किलों से निपटने के लिए लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय किए हैं. इसका संकेत डिबेंचर इश्यू में वृद्धि से मिल रहा है.
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