मुंबई: रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने एक आरटीआइ में क़ुबूल किया है कि उसने शीर्ष 50 विल्फुल डिफॉल्टर्स के 68,607 करोड़ रुपये की बड़ी रकम बट्टा खाते में डाल दी है। इन विल्फुल डिफॉल्टर्स में देश की बैंकों को बड़ी चपत लगाकर भागे भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का भी नाम है।
एक आरटीआइ कार्यकर्ता ने जानकारी देते हुए बताया है कि यह बकाया इन कर्जदारों के इस वर्ष 16 फरवरी की लोन स्थिति के हिसाब से है, जिनके वापस मिलने की RBI को कोई उम्मीद नहीं है। आरटीआइ कार्यकर्ता का कहना था कि इस साल 16 फरवरी को संसद में पूछे गए इसी से संबंधित सवाल का सरकार ने साफ़ जवाब नहीं दिया था, जिसके बाद उन्होंने आरटीआइ के जरिए RBI से इसका जवाब मांगा। आरबीआइ के जवाब के अनुसार, कर्ज की यह रकम 30 सितंबर, 2019 के आधार पर है, जिसे बट्टा खाते में डाल दिया गया है।
हालांकि RBI ने शीर्ष अदालत के एक फैसले का हवाला देते हुए विदेशी कर्जदारों के सम्बन्ध में जानकारी देने से इन्कार कर दिया। बहरहाल, RBI की इस लिस्ट में सबसे ऊपर मेहुल चोकसी द्वारा नियंत्रित कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियों जिली इंडिया लिमिटेड और नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड का नाम शामिल हैं। इन कंपनियों पर संयुक्त रूप से लगभग 8,100 करोड़ रुपये बकाया है। सूची में संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला की डायरेक्टरशिप वाली कंपनी REI एग्रो का भी नाम है, जिस पर 4,314 करोड़ रुपये का कर्ज बाकी है।
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