इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना का संकट लगातार बढ़ाता जा रहा है. कोरोना संक्रमित इलाकों में सर्वे दलों को काम करने में लगातार मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है. प्रशासन की ओर से नियुक्त दल शनिवार को खजराना क्षेत्र की पॉकीजा कॉलोनी में सर्वे के लिए पहुंचा. जब दल की आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक-दो घरों में सर्वे की जानकारी लेना शुरू ही किया था कि लोगों ने जानकारी देने से मना कर दिया. साथ ही उन्हें वहां से लौट जाने को कहा. दल के साथ पुलिस जवान भी नहीं थे, इसलिए मजबूरी में उन्हें लौटना पड़ा.
दूसरी और चंदन नगर में भी कुछ गलियों में यही परेशानी आ रही है. सर्वे दलों को यहां के लोग जानकारी देने में कतरा रहे हैं. किसी घर से जानकारी मिलती है तो कहीं दरवाजा नहीं खोलते है. ऐसे में कुछ दलों को बिना जानकारी लिए लौटना पड़ रहा है. सर्वे दलों की महिला कार्यकर्ताओं का कहना है कि सर्वे के दौरान उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई है. टाटपट्टी बाखल और चंदन नगर में पथराव की घटनाओं के बाद महिला कार्यकर्ता ज्यादा भयभीत हैं. उनका कहना है कि सर्वे दल के साथ पुलिस के भी एक-दो जवान दिए जाने चाहिए, ताकि लोगों के छोटे-मोटे विरोध से निपटा जा सके.
जानकारी के लिए बता दें की दलों की निगरानी के लिए ऐसी सुपरवाइजर भी लगाई गई हैं जिनकी उम्र 60 वर्ष के आसपास है. ऐसी महिला सुपरवाइजरों को संक्रमण का भी डर सता रहा है. पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम न होने से जब वे काम से घर लौटती हैं तो डरी हुई रहती हैं. हालांकि वे घर आकर गर्म पानी से कपड़े धोने से लेकर नहाने और सैनिटाइजेशन जैसे तमाम उपाय कर रही हैं, लेकिन उन्हें अपने घर के अन्य सदस्यों के बीच भी संक्रमण का अंदेशा बना रहता है.
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