कानपुर का निवासी, लेकिन नाम मुन्ना पाकिस्तानी ! ISI के लिए करता था जासूसी, दुबई भेजता था सेना की जानकारी

कानपुर का निवासी, लेकिन नाम मुन्ना पाकिस्तानी ! ISI के लिए करता था जासूसी, दुबई भेजता था सेना की जानकारी
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लखनऊ: मोहम्मद इमरान यूँ तो रहने वाला तो उत्तर प्रदेश के कानपुर का था, लेकिन उसके समुदाय के लोग उसे मुन्ना पाकिस्तानी के नाम से जानते थे। दरअसल, 90 के दशक में पाकिस्तान में रहकर मोहम्मद इमरान ISI एजेंटों के संपर्क में आ गया था। यूपी पुलिस ने बताया है कि, इमरान यहां सोमदत्त प्लाजा की एक कोरियर कम्पनी के द्वारा संदेशों का कोरियर दुबई के एक पोस्ट बॉक्स नम्बर पर पहुंचाया करता था। ये पोस्ट बॉक्स नंबर किसी महेन्द्र के नाम पर था। गिरफ्तारी के वक़्त इमरान के पास से जो फोन बरामद हुए थे, उससे खुलासा हुआ है कि वह कराची के नम्बरों पर मैसेज भेजा करता था और भारतीय सेना की जानकारियां पहुंचाता था।

गौरतलब है कि ISI एजेंट मोहम्मद इमरान दस वर्ष की सजा काटने के बाद शुक्रवार को फतेहगढ़ की जेल से बाहर आया। उसे जेल से लेने के लिए उसकी पत्नी और भाई पहुंचे। मोहम्मद इमरान को परिजन कानपुर ले आए। इमरान उर्फ मुन्ना कमाल खां हाता थाना मूलगंज का निवासी है। पुलिस के अनुसार इमरान ने ISI को सेना के दस्तावेज लीक किए थे। इमरान ने इस दौरान प्रयागराज, लखनऊ, फैजाबाद, कानपुर और दिल्ली की भी यात्रा की थी। उसे मुख्य तौर पर भारतीय सेना की अंतरराज्यीय गतिविधियों के बारे में जानकारी इकठ्ठा करने का काम सौंपा गया था। साथ ही उसे यह भी पता लगाना होता था कि भारतीय विमानों की सर्विस किस जगह पर होती है।

पुलिस के मुताबिक, 90 के दशक में इमरान कराची की रेडीएटर बनाने वाली फैक्ट्री में नौकरी करने चला गया था। इस दौरान उसकी मुलाकात पाकिस्तान आर्मी के एक अधिकारी से हुई थी। जिसके जरिए यह जिशान और एहसान नामक 2 ISI एजेंट्स के संपर्क में आया। इन लोगों ने इमरान को पैसे और मजहब का हवाला देकर अपने साथ मिला लिया था। 90 के दशक में ही वह पाकिस्तान में निरंतर सात साल रहा था। इसके बाद वो भारत लौट आया था।

मोहम्मद इमरान के भाई रियाजुद्दीन का कहना है कि उनका परिवार कभी पाकिस्तान में नहीं रहा। पिता नसीमुद्दीन, मां, मुन्ना और अन्य परिवार के लोग भारत में ही रहते हैं, लेकिन उनके कुछ रिश्तेदार पाकिस्तान में जरुर रहते हैं। वर्ष 1990 और 1994 में इमरान उन्हीं से मिलने पाकिस्तान गया था। रियाजुद्दीन का कहना है कि, इमरान चप्पल का काम करता था। वह अलीगढ़, एटा में चप्पल भेजता था। काम में नुकासन होने के बाद वह ठेला लगाने लग गया था। रियाजुद्दीन के मुताबिक, वर्ष 2003 में उन्होंने ही हाईकोर्ट से इमरान की जमानत कराई थी। उसके बाद वह तारीख में अदालत नहीं जाता था। उसका पासपोर्ट, राशन कार्ड सब भारत का है। इमरान ने यहीं पर निकाह किया और उसके दो बच्चे हैं।

STF ने 10 मई 2002 को मुन्ना पाकिस्तानी को अरेस्ट किया था। कानपुर में तैनात रहे एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि मोहम्मद इमरान के खिलाफ 3/9 ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट (जासूसी करना), 120 बी (षड्यंत्र रचना), 121ए (भारत के अंदर या बाहर रहते हुए भारत सरकार या राज्य सरकार पर आपराधिक बल का इस्तेमाल करके षड्यंत्र करना), 124ए (देशद्रोह देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरोप), 417 (छल करना), 420 (धोखाधड़ी) और 3/6/12 पासपोर्ट अधिनियम में FIR दर्ज की गई थी।

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