इस्लामबाद: हाल ही में भारत के नागरिकता अधिनियम (संशोधित) से तिलमिलाए पाकिस्तान की संसद ने ध्वनिमत से निंदा प्रस्ताव पारित किया है. जंहा संसद ने इसके कई अंशों को भेदभावपूर्ण बताते निरस्त करने को कहा है.
भारत का नागरिकता संशोधन अधिनियम अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के खिलाफ: जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में शिक्षा मंत्री शफाकत महमूद ने निंदा प्रस्ताव जारी किया था. उन्होंने कहा कि नागरिकता अधिनियम बराबरी और भेदभाव रहित अंतरराष्ट्रीय नियम और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के खिलाफ है.
अधिनियम पाक के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकार के खिलाफ है: वहीं रिपोर्ट मके यह खुलासा हुआ है कि 'यह संशोधन द्विपक्षीय समझौते और भारत एवं पाकिस्तान के बीच खास कर अपने यहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकार को लेकर जो आपसी समझ है, उसके खिलाफ है.' यह भी कहा गया कि अधिनियम पड़ोसी देशों के मामले में हस्तक्षेप है.
करीब 5000 सोशल मीडिया हैंडल फैला रहे हैं फर्जी समाचार: जानकारी के लिए हम आपको बता दें की भारत की सुरक्षा एवं गुप्तचर एजेंसियों ने 5000 से ज्यादा पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल की पहचान की है जो नागरिकता कानून पर फर्जी समाचार फैलाने में जुटे हैं. इनमें से कुछ देश में सांप्रदायिक ¨हसा भड़काने के लिए फर्जी वीडियो का इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ प्रमुख पाकिस्तानी हस्तियां भी अपने निजी हैंडल से सूचना साझा करने में जुटी हैं. सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि ये हैंडल पिछले 48 घंटे से सक्रिय हैं.
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