नई दिल्ली : रेल मंत्री पीयूष गोयल ने खुलासा किया कि सरकार बैंकिंग सेक्टर के बड़े डिफॉल्टरों की जिम्मेदारी तय करेगी. वहीं बैंकों को भी विभिन्न उपायों के द्वारा मजबूती प्रदान की जाएगी. बैंकिंग सेक्टर की दयनीय हालत के लिए पूर्व की यूपीए सरकार पर दोष मढ़ा.
उल्लेखनीय है कि रेल मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार भाजपा के सत्ता में आने से पहले 2008 से 2014 तक बड़े कर्जदारों की ओर से कर्ज के भुगतान में अनियमितताएं करने के बाद भी उन्हें कर्ज देने के लिए दबाव डाला जाता रहा. पुराने कर्ज की कारस्तानी बताते हुए गोयल ने कहा कॉरपोरेट कर्ज का पुनर्गठन कर कर्ज को फिर से वर्गीकृत किया गया. संरचनात्मक कर्ज का पुनर्गठन उस कर्ज के लिए किया गया जो वास्तव में एनपीए (फंसे हुए कर्ज) की श्रेणी में आ गया. इस कारण बैंकों को होने वाले घाटे और उनकी अनिश्चितता की स्थिति छुपी रही.
बता दें कि बैंको की हालत सुधारने के लिए मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों का जिक्र कर रेल मंत्री ने कहा कि सरकार ने बैंकों की बैलेंस सीट सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं. रिजर्व बैंक की ओर से परिसंपत्ति गुणवत्ता की समीक्षा भी इसी प्रयास का नतीजा है.
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