नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने एक बड़ा फैसला लिया है। जी दरअसल (MCD) ने हलाल या झटका का बोर्ड लगाने वाले प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। अब नगर निगम के इस फैसले के बाद सभी नॉन वेज होटल और रेस्टोरेंट वालों को पोस्टर लगाकर बताना होगा कि उनके यहां परोसे जाना वाला मीट हलाल है या झटका है।
कहा जा रहा है इस फैसले के पीछे की वजह खाने वाले ग्राहकों तक उसकी सही जानकारी पहुंच सके है। ऐसा होने से ग्राहकों को अपनी पसंद या नापसंद का फैसला करने में आसानी होगी। वैसे हम आपको यह भी बता दें कि हिन्दू और सिख हलाल मीट खाना पसंद नहीं करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी दिल्ली में तकरीबन हजारो रेस्टोरेंट और होटल हैं जिनमे बड़ी संख्या में ऐसे रेस्टोरेंट हैं जहां चिकन दिया जाता है। इसी को मद्देनजर रखते हुए अब दिल्ली नगर निगम ने फैसला ले लिया है। अब सभी को एक बोर्ड लगाकर लिखना होगा कि 'जो मीट दिया जा रहा है वो हलाल' है या 'झटका है।'
वहीं जो ऐसा नहीं करेगा उनके खिलाफ दिल्ली नगर निगम कार्रवाई कर सकता है। आप सभी जानते ही होंगे साल 2018 में भारतीय जनता पार्टी के नेता आरपी सिंह ने मीट की बिक्री करने वाले रेस्तरां और दुकानदारों को यह बोर्ड लगाने को लेकर तीनों तीनों महापौर को पत्र लिखा था। एक रिपोर्ट को माने तो हिंदू धर्म और सिख धर्म के अनुसार, हलाल' मांस खाना मना है और धर्म के खिलाफ है। इस वजह से समिति इस संबंध में प्रस्ताव पारित करती है कि रेस्तरां और मांस की दुकानों को यह निर्देश दिया जाए कि वे उनके द्वारा बेचे जाने और परोसे जाने वाले मांस के बारे में अनिवार्य रूप से लिखें कि 'यहां 'हलाल' या 'झटका' मांस उपलब्ध है'।
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