कई लोगों की आदत होती हैं कि वो बैठे बैठे पैर हिलाते रहते हैं. इसके लिए हमारे बड़े भी हमे मना करते हैं लेकिन आदत ऐसी होती है कि हमसे रहा ही नहीं जाता. ना चाहते हुए भी हम अपने पैरों को रोक नहीं पाते तो वो हिलते रहते हैं. हम आपको यही बताने जा रहे हैं किऐसा क्यों होता है. बैठे या लेटे हुए पैर हिलाने की आदत है तो सावधान हो जाएयें क्योंकि ये रेस्टलेस सिंड्रोम के लक्षण हो सकते हैं.
इसका कारण आयरन की कमी होना है. यह समस्या 10 फीसदी लोगों को होती है. ज्यादातर 35 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को होती है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति औसतन नींद न आने से पहले 200-300 बार अपने पैर हिलाता है. यदि लगातार इंसान पैर हिलाता है तो दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. यह रोग आयरन की कमी के कारण होता है. इसके अलावा किडनी, पार्किंसंस से पीड़ित मरीजों व गर्भवतियों में डिलिवरी के अंतिम दिनों में हार्मोनल बदलाव भी कारण हो सकते हैं.
ज्यादा शराब पीने व कुछ खास दवाओं (जुकाम व एलर्जी) से भी होने का खतरा रहता है. डॉक्टर्स कहते हैं यह रेस्टलेस सिंड्रोम है. यह नर्वस सिस्टम से जुड़ा रोग है. पैर हिलाने पर व्यक्ति में डोपामाइन हार्मोन स्त्रावित होने के कारण उसे ऐसा बार-बार करने का मन करता है. इसे स्लीप डिसऑर्डर भी कहते हैं. नींद पूरी न होने पर वह थका हुआ महसूस करता है.
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