देश में हाल ही में हुए 65वे नेशनल अवॉर्ड नाईट को लेकर जहां पूरा फिल्म जगत उत्सुक होए पड़ा था. वहीं दूसरी ओर एक तबके ने इस अवॉर्ड नाईट का जमकर बहिष्कार किया. दरअसल, इस फंक्शन में 140 लोगों को यह अवॉर्ड दिया जाना था, जिसमें से 11 अवॉर्ड राष्ट्रपति ने खुद अपने हाथों से दिए. बचे हुए अन्य कलाकारों को सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर के द्वारा पुरस्कृत किया गया. इसके बाद से ही कई कलाकारों ने इसका वरोध किया और सोशल मीडिया के माध्यम से अपना दुःख शेयर किया.
इंडस्ट्री के जाने माने साउंड आर्टिस्ट रेसुल पोकुट्टी ऑस्कर अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं. रेसुल ने भारत सरकार के इस फैसले पर निराशा ज़ाहिर की और कहा कि, "भारत सरकार हमारे सम्मान में तीन घंटे का समय भी निकाल नहीं सकती. अगर ऐसा है तो उन्हें हमें पुरस्कार देने की जहमत भी नहीं उठानी चाहिए. पचास फीसदी से ज्यादा की कमाई मनोरंजन कर के रूप में ले लेते हैं. कम से कम हमारी प्रतिष्ठा का सम्मान करें."
इसी कड़ी में डायरेक्टर राहुल ढोलकिया ने भी इस फंक्शन का विरोध किया और लिखा कि, "राष्ट्रीय पुरस्कार इसलिए भी ज्यादा अहमियत रखता है क्योंकि वो राष्ट्रपति के द्वारा दिया जाता है न कि किसी मंत्री के हाथों. अपने काम के लिए राष्ट्रपति से सम्मान मिलना किसी भी फिल्ममेकर की जिंदगी का सबसे बड़ा लम्हा होता है. ऐसे में इसकी गरिमा को इस तरह से ठेस पहुंच सकती है." स्टार्स के इस गुस्से पर दूसरी तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
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