नई दिल्ली : अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट और ई-कॉमर्स की भारतीय कंपनी फ्लिकॉर्ट के बीच हुए बहुचर्चित सौदे के खिलाफ अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) प्रतिस्पर्धा आयोग जाने की तैयारी कर रहा है .
बता दें कि खुदरा व्यापारियों के परिसंघ ने वॉलमार्ट-फ्लिपकॉर्ट सौदे में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के प्रावधानों की धज्जियां उड़ाने और वॉलमार्ट पिछले दरवाजे से भारतीय खुदरा बाजार में घुसने का आरोप लगाया गया है .कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि सौदे को लेकर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु को एक पत्र लिखकर इस सौदे की गहराई से जांच करने की मांग की है .स्मरण रहे कि देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट के 70 प्रतिशत शेयरों को करीब साढ़े नौ खरब रुपये में खरीदने का सौदा तय किया था. इस सौदे का नीति आयोग ने स्वागत भी किया था , लेकिन खुदरा व्यापारी संगठन इस सौदे से नाखुश है .
उल्लेखनीय है कि इसके लिए खुदरा व्यापारी संगठन कैट प्रतिस्पर्धा आयोग का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है .आयोग के सामने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, साइबर सुरक्षा, ई-कॉमर्स के जरिए भारतीय खुदरा बाजार में प्रवेश से जुड़े मुद्दे उठाकर ध्यान आकृष्ट किया जाएगा. कैट का मानना है कि इस सौदे का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ने के साथ ही करोड़ों लोगों का रोजगार खतरे में पड़ जाएगा.जो विनाशकारी साबित होगा.
यह भी देखें
पेट्रोलियम मंत्री ने रखी एलपीजी बटलिंग प्लांट की आधारशिला
शेल कंपनियों से टैक्स वसूलेगा आयकर विभाग