चेन्नई : अभी जबकि नोटबन्दी का असर खत्म नहीं हुआ है और देश में नकद की समस्या बनी हुई है.फिर भी बैंकों ने एटीएम और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल करने पर दोबारा शुल्क लेना शुरू कर दिया है. सरकार ने किसी तरह की छूट का ऐलान नहीं किया है. एनसीआर कॉर्पोरेशन के इंडिया ऐंड साउथ एशिया मैनेजिंग डायरेक्टर नवरोज दस्तूर ने कहा कि इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि एटीएम ट्रांजैक्शंस पर सरकार 31 दिसंबर के बाद भी छूट को जारी रखेगी. लेकिन आरबीआई ने इस बारे में अभी कोई निर्देश जारी नहीं किये इस कारण बैंकों ने एक बार फिर ट्रांजैक्शन फीस लेना शुरू कर दिया है.लोगों ने सरकार से राहत की मांग की है.
इस बारे में ट्रांजैक्शन प्रॉसेसिंग एन्ड एटीएम सर्विस के प्रेसीडेंट बालासुब्रमण्यन ने कहा कि कैश आसानी से उपलब्ध नहीं है. फिलहाल 20 फीसदी एटीएम ही सही से काम कर रहे हैं. केंद्र सरकार को डिजिटल ट्रांजैक्शंस पर सब्सिडी को लेकर गंभीरता से विचार करना चाहिए. यदि डिजिटल ट्रांजैक्शंस को लेकर सरकार का ही आग्रह है तो ग्राहकों को ही उसकी पूरी कीमत क्यों अदा करनी चाहिए.
बालासुब्रमण्यन ने कहा कि पहली 5 ट्रांजैक्शंस पर कोई शुल्क नहीं लगेगा, लेकिन इसके बाद यह फैसला बैंकों के विवेकाधिकार और ग्राहक की कार्ड श्रेणी पर निर्भर करेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नोटबंदी से पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नैशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक 5 ट्रांजैक्शंस के बाद प्रति ट्रांजैक्शन पर 15 रुपये की फीस वसूल रहे थे, क्योंकि इन तीनों ही बैंकों का अन्य बैंकों की तुलना में देश में एटीएम का बड़ा नेटवर्क है. इसके अलावाअधिकांश अन्य बैंक प्रति एटीएम ट्रांजैक्शन 20 रुपये वसूल रहे थे.