नई दिल्ली: ओडिशा के कई जिलों में हड़ताल कर रहे बार एसोसिएशन के सदस्यों को सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ी चेतवानी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यदि 48 घंटों के भीतर एसोसिएशन के सदस्य अदालतों के बहिष्कार के अपने निर्णय को वापस नहीं लेते, तो 20 जिला बार एसोसिएशन्स के सदस्यों को सस्पेंड कर दिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वकीलों की हड़ताल का खामियाजा जनता बिल्कुल नहीं भुगतेगी. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति ए.एस. ओका की बेंच ने यह चेतवानी दी. अदालत ने कहा कि जनता के साथ इस प्रकार का व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. दिन के आखिर में हड़ताल के कारण आम लोगों को काफी समस्याएं होती हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा उच्च न्यायालय के महापंजीयक द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
उच्च न्यायालय ने कहा कि कई जिलों में बार संघों के सदस्यों द्वारा काम न किए जाने की वजह से सूबे की सभी अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कामकाज गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि जनता के साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जा सकता. अदालत में उच्च न्यायालय का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील अरविंद दातार और वकील सिबो शंकर मिश्रा ने किया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि वकीलों द्वारा बार-बार अदालतों के बहिष्कार के कारण इस साल जिला अदालतों के कामकाज का बहुत समय बर्बाद हुआ है.
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