नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे से संबंधित चार्जशीट में उमर खालिद के एक वीडियो का जिक्र है। इसके जरिये बताया गया है कि उमर खालिद साजिश को लेकर पूरी तरह आश्वस्त था कि सरकार झुकेगी और CAA को रद्द कर दिया जाएगा। उसका कहना था कि ऐसा होने के बाद राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को खत्म कराने का अभियान छेड़ा जाएगा।
चार्जशीट में बताया गया है कि ताहिर और उमर खालिद को करीब लाने में खालिद सैफी ने अहम भूमिका निभाई। चार्जशीट में तीनों की कॉल डिटेल रिकार्ड को आधार बनाकर इनके बीच संपर्क की कडिय़ों को जोड़ा गया है। बता दें कि दिल्ली दंगे में नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने ताहिर हुसैन को सस्पेंड कर दिया था। उमर खालिद साजिश को लेकर पूरी तरह आश्वस्त था कि सरकार झुकेगी और CAA को वापस ले लिया जाएगा। ताहिर हुसैन और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद वाट्सएप ग्रुप यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के माध्यम से संपर्क में आए थे। खजूरी खास इलाके में हुई हिंसा के मामले में उमर खालिद के खिलाफ दाखिल पूरक आरोपपत्र से यह बात सामने आई है।
चार्जशीट में साजिश के सिलसिले को विस्तार से बयां किया गया है। इसके अनुसार, ताहिर हुसैन, उमर खालिद के भाषणों का प्रशंसक था। वह उसके भाषणों को नियमित रूप से सुनता था। शाहीनबाग में मुलाकात के दौरान दंगे का षड्यंत्र रचने के बाद उमर खालिद ने अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए ताहिर हुसैन को टोकन मनी के तौर पर 25 हजार रुपए दिए थे। यह भी बताया गया है कि गत वर्ष 24 फरवरी को जब दंगे शुरू हुए तो ताहिर ने उमर खालिद को फोन करते हुए बताया था कि आगाज कर दिया गया है। कई घर जला दिए गए हैं।
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