नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य के चुनाव शुक्रवार को हुए, जिसे आम आदमी पार्टी ने अवैध करार दिया और अब इस मामले को लेकर पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सीएम आतिशी ने इस चुनाव को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला और कहा कि बीजेपी द्वारा कराया गया चुनाव पूरी तरह से गैरकानूनी है। दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने भी इस चुनाव को नियमों के खिलाफ बताते हुए अवैध करार दिया और कहा कि कानून को अनदेखा कर चुनाव कराए गए हैं।
इस चुनाव का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बहिष्कार किया, जिसके चलते बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की। शनिवार को सीएम आतिशी ने चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी द्वारा कराए गए ये चुनाव गैरकानूनी, असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक हैं। उन्होंने बताया कि निगम के नियमों के अनुसार, स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव केवल निगम की बैठक में होता है और इस बैठक को बुलाने का अधिकार केवल मेयर के पास है। इसके अलावा, बैठक की अध्यक्षता भी सिर्फ मेयर या उनकी अनुपस्थिति में डिप्टी मेयर कर सकते हैं। आतिशी ने आरोप लगाया कि एलजी, जिनके पास ऐसे आदेश देने का अधिकार नहीं है, ने आदेश दिए और निगम के कमिश्नर ने उन्हें मानकर बैठक बुला ली और चुनाव कराए। इस मामले पर आम आदमी पार्टी पहले ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कह चुकी थी और अब कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है।
चुनाव में बीजेपी के सुंदर सिंह ने 115 वोटों से जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया, जिसके कारण विपक्ष के पक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। इस जीत के बाद, दिल्ली नगर निगम की 18 सदस्यीय स्थायी समिति में बीजेपी के 10 और आम आदमी पार्टी के 8 सदस्य हो गए हैं। इस परिणाम से स्टैंडिंग कमेटी का चेयरमैन बीजेपी का बनना तय हो गया है। एमसीडी के इस चुनाव की अध्यक्षता एडिशनल कमिश्नर ने की थी। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने एलजी के आदेश का विरोध करते हुए चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। चुनाव के बाद, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी इस चुनाव का विरोध किया और कहा कि निगम के नियमों के अनुसार, सदन की बैठक बुलाने का अधिकार केवल मेयर शैली ओबरॉय के पास है।
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