इस सप्ताह RIL, HDFC Bank, Wipro, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और इंडसइंड बैंक जैसे दिग्गजों के सितंबर-दिसंबर, 2019 तिमाही के नतीजे आने हैं। वही इससे शेयर बाजारों में उछाल देखने को मिल सकती है, जो पिछले सप्ताह अमेरिका-ईरान तनातनी के साए में उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे थे। वही अमेरिका और चीन में इसी सप्ताह कारोबारी वार्ता पर पहले चरण के समझौते पर हस्ताक्षर होना है। इसके अलावा ऐसे में विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस सप्ताह शेयर बाजारों का मूड सकारात्मक रहने वाला है। इसके साथ BSE के 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक Sensex ने पिछले सप्ताह सहमे होने के बावजूद 135.11 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की थी। ट्रेडिंगबेल्स के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट संतोष मीणा मानते हैं कि बजट-पूर्व घटनाक्रमों और कुछ बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों पर इस सप्ताह शेयर बाजारों के मूड का दारोमदार टिका रहेगा।
इसके अलावा इन्फोसिस के शेयरों में सकारात्मक बदलाव दिख सकता है। इसके अलावा सोमवार को खुदरा और मंगलवार को थोक महंगाई दर के आंकड़े आने हैं। वही जानकारों का कहना है कि बाजार इन दोनों बड़े आंकड़ों पर सधी प्रतिक्रिया दे सकता है।इन्फोसिस के शेयरों में संभावित सकारात्मक बदलाव की दो वड़ी वजहें हैं। पहली यह कि कंपनी ने शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजे जाहिर किए। इसके अनुसार समीक्षाधीन अवधि में कंपनी का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा करीब 24 प्रतिशत बढ़ा है। कंपनी के शेयरों में सकारात्मक बदलाव की दूसरी बड़ी वजह यह है कि उसकी ऑडिट कमेटी ने प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है।
इसके अलावा भारत की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी इन्फोसिस ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को कहा था कि उसकी ऑडिट कमेटी ने कंपनी के शीर्ष प्रबंधन पर व्हिसलब्लोअर्स द्वारा लगाए आरोपों की जांच पूरी कर ली है। ऑडिट कमेटी ने आरोपों को निराधार पाया है। वही रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्र का भी कहना था कि इस सप्ताह सोमवार को बाजार खुलते ही निवेशक पहली प्रतिक्रिया इन्फोसिस पर ही दे सकते हैं। फिलहाल चुनिंदा सेक्टर के शेयर कुछ विशिष्ट घरेलू और विदेशी अनिश्चितताओं के चलते दबाव में या उछाल में दिख सकते हैं। वही जहां तक विदेशी संकेतों का सवाल है, तो अमेरिका और ईरान की तनातनी में कमी आती दिख रही है। इसके साथ अब निवेशकों का फोकस फिर से अमेरिका-चीन ट्रेड वार पर चला गया है, जहां दोनों देश इसी सप्ताह पहले चरण के कारोबारी सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले हैं।
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