आप सभी को बता दें कि इस बार मौनी अमावस्या 4 फरवरी को मनाई जाने वाली है. कहते हैं इस दिन चंद्रमा मकर राशि में सूर्य, बुध, केतु के साथ हैं और वृहस्पति वृश्चिक राशि में हैं, जिससे अर्धकुंभ का प्रमुख शाही स्नान भी बन रहा है. ज्योतिषों के अनुसार इस दिन सुबह 7 बज कर 57 मिनट से पूरे दिन सूर्यास्त तक महोदय योग रहने वाला है और इस अवधि में स्नान-दान करना अति शुभ फल प्रदान करेगा.
आप सभी को बता दें कि मौनी आमवस्या के दिन शाम के समय अगर ऋणमोचक मंगल स्तोत्र पाठ किया जाए तो बहुत लाभ होता है. जी हाँ, ज्योतिषों के अनुसार ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करने से बहुत लाभ होता है और इसे हर मंगलवार के दिन किया जाना चाहिए. इसी के साथ ऋणमोचक मंगल स्तोत्र को मौनी आमवस्या के दिन पढ़ने से हर काम में सफलता प्राप्त हो जाती है. तो आइए जानते हैं ऋणमोचक मंगल स्तोत्र.
ऋणमोचक मंगल स्तोत्र -
मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः ॥1॥
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥2॥
अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः॥3॥
एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्॥4॥
धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम्॥5॥
स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्॥6॥
अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय॥7॥
ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा॥ 8 ||
अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात्॥9॥
विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः॥10॥
पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः॥11॥
एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा॥12॥
|| इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ||
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