नई दिल्ली : क्रिप्टोकरंसी की दुनिया में चार साल पहले दाखिल हुई रिपल छह महीने से 0.15 से 0.25 डॉलर (करीब 10 से 16 रुपये) के आसपास ट्रेड करने के बाद अब बिटकॉइन और लाइटकॉइन की राह पर निकल पड़ी है या यूँ कहिये कि आगे निकल गई है. पिछले तीन दिन में 141 प्रतिशत चढ़ गई. बता दें कि इस क्रिप्टोकरंसी ने सोमवार 11 दिसंबर से बुधवार 13 दिसंबर तक की ट्रेडिंग में यह मजबूती हासिल कर ली.
मिली जानकारी के अनुसार 14 दिसंबर को रिपल 0.24 डॉलर (करीब 15 रुपये) से बढ़कर 0.58 डॉलर (करीब 37 रुपये) तक पहुंच गई.इसी अवधि में क्रिप्टोकरंसी लाइटकॉइन की कीमत तो दोगुनी हो गई. लेकिन रिपल की कीमत में वृद्धि होने से इसने मार्केट कैपिटलाइजेशन में लाइटकॉइन को पीछे छोड़ दिया.
आपको जानकारी दे दें कि बिटकॉइन, इथेरियम और बिटकॉइन कैश के बाद रिपल चौथी बड़ी क्रिप्टोकरंसी है. रिपल की रचना 2012 में जेब मैकलेब ने की थी.रिपल डिबेंचर्स का वेरिफिकेशन है. हर यूजर के लिए अकाउंट बैलेंस और क्रेडिटर-डिबेटर के बीच तालमेल रिपल नेटवर्क में ही सुलभ है. लेकिन,दिक्कत यह है कि बिटकॉइन से अलग रिपल को माइनिंग के जरिए जेनरेट नहीं किया जा सकता है. यह करंसी सिर्फ रिपल लैब्स से ही जारी होती है. दिसंबर 2017 में बिटकॉइन 68 प्रतिशत, इथेरियम 71 प्रतिशत तो लाइटकॉइन 205 प्रतिशत चढ़ चुकी है.
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