देवराज इंद्र को हिन्दू धर्म में काफी रोचक दिखाया गया है। हालाँकि उनको लेकर कई किस्से प्रचलित हैं। ऐसा ही एक किस्सा एक श्राप से जुड़ा है जो देवराज इंद्र को ऋषि गौतम ने दिया था। आज हम आपको इसी श्राप के बारे में बताने जा रहे हैं।
पौराणिक कथा- ऋषि गौतम अपनी पत्नी के साथ सुख से रहते थे। माता अहिल्या इतनी सुंदर थी कि उनके रूप की चर्चा तीनों लोक में थी। जब यह बात देवराज इंद्र को पता चली तो वो उनके प्रति आकर्षित हो गए। एक दिन जब ऋषि गौतम अपनी कुटिया से बाहर गए तो इंद्र गौतम ऋषि का रूप रखकर माता अहिल्या के पास आए और उन पर मोहित हो गए। लेकिन जब गौतम ऋषि घर लौटे तो, अपने ही स्वरूप को देखकर चौंक गए। इस दौरान इंद्र अपने असली रूप में आए और ऋषि से क्षमा याचना करने लगे।
उस दौरान गौतम ऋषि ने इंद्र को नपुंसक बनने का शाप दे दिया हालाँकि यह शाप अलग-अलग पौराणिक ग्रंथों में अलग-अलग तरीके से बताया गया है। जैसे कहीं शरीर में 1000 भंग होने का श्राप बताया गया है। वहीं कहीं तुम शत्रु से पराजित होगे और उनके हाथ बंदी बनोगे यह श्राप बताया गया है। यह श्राप सच मेघनाथ ने किया था। वहीं इस दौरान ऋषि गौतम ने अपनी पत्नी अहिल्या को पत्थर की शिला बन जाने का शाप दिया। कहा जाता है उस दौरान देवराज इंद्र को मिले शाप से देवगण काफी दुःखी हो गए।
वहीं ऋषि गौतम ने अपनी पत्नी अहिल्या से कहा कि तुम्हें इसी तरह ही प्रायश्चित करना होगा और जब भगवान विष्णु के मानवरूप श्रीराम यहां आएंगे और इस शिला पर अपने पवित्र चरण रखेंगे। तब तुम्हारा उद्धार होगा। उसके बाद ऐसा ही हुआ। जब भगवान विष्णु ने रामावतार लिया उस समय उन्होंने अहिल्या को स्पर्श कर उसका उद्धार किया।
बिहार में कैसे शुरू हुई दही-चूड़ा खाने की परंपरा? जानिए इससे जुड़ा ये रहस्य
आखिर क्यों सिख नहीं खाते तम्बाकू, जानिए दिलचस्प जानकारी
माता द्रोपदी के श्राप की वजह से खुले में सहवास करते हैं कुत्ते