बिहार- गया जिले में हुए माॅ-बेटी के साथ गेंग रेप के मामले में पीड़ित की पहचान उजागर करने वाले आरजेडी नेताओं को स्थानीय अदालत ने जमानत पर छोड दिया. अतिरिक्त मुख्य न्यायधीश दंडाधिकारी संजय कुमार ने पूर्व मंत्री और आरेजेडी नेता सुरेन्द्र प्रसाद यादव, आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता, पूर्व सांसद रामजी मांझी, आरजेडी प्रदेशा अध्यक्ष आभा लता, पार्टी जिलाध्यक्ष सरस्वती देवी, और वीरभद्र यशा राज को 10-10 हजार रुपये के बांड जमा करने पर जमानत मंजूर की गई है.
गौरतलब है कि विगत 13 जून को कोंच थाने के अंतर्गत एक डाॅक्टर की पत्नी और बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया था. बिहार आरजेडी के कई नेता 16 जून को पीडित परिवार से मिलने के लिए गए थे. उस दौरान कथित नेताओं ने पीडित बच्ची को पुलिस वाहन से जबरन उतारकर उसके साथ हुई ज्यादती के बारे में मीडिया को बताने के लिए मजबूर किया व पीडिता की पहचान उजागर कर वीडियो रिकार्डिग की गई थी.
पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा के आदेश के उपरांत आरजेडी नेताओं के विरुद्ध कोंच थाने के दरोगा ने मेडिकल काॅलेज थान में नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी. पीडित परिवार के साथ हुई ज्यादती जेसे संवेदनशील मामले में प्रदेश के कुछ नेता राजनीति खेल रहे है. ये देश के लिए बडी आपत्ती जनक बात है.
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