रांची: अदालत की अवमानना के मामले में बहादुरपुर विधानसभा के विधायक भोला यादव 57 मिनट तक न्यायिक हिरासत में रहे, हालांकि इस दौरान उन्हें अदालत में ही रखा गया. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में उनकी जमानत पर सुनवाई हुई, अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए एक लाख का एक बेल बांड भरने का आदेश दिया, बेल बांड भरे जाने के बाद उन्हें अदालत से ही छोड़ दिया गया.
दरअसल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को सबसे अधिक सजा सुनाए जाने को लेकर न्यायालय पर टिप्पणी करने से संबंधित अवमानना मामले में शुक्रवार को भोला यादव अदालत में हाजिर हुए थे, अदालत ने भोला यादव को 21 मई तक हिरासत में भेजने का हुक्म सुनाया. इस समय भोला यादव, उनके अधिवक्ता सहित राजद कार्यकता व अन्य अधिवक्ता न्यायालय में मौजूद थे. इस पर भोला यादव अदालत से क्षमा मांगने लगे, न्यायालय पर आक्षेप के प्रति उनके मन में कोई गलत भावना कभी नहीं रही है.
उन्होंने कहा कि वे हमेशा न्यायालय का सम्मान करते हैं, इसलिए उन्हें दंडित नहीं किया जाए, अधिवक्ता ने भी अवमानना से संबंधित एक्ट दिखाकर अदालत से जमानत का अनुरोध किया, अदालत ने अनुरोध को स्वीकार कर जमानत दे दी. आपको बता दें कि भोला पर आरोप था कि 28 मार्च को लालू के साथ राची के रिम्स अस्पताल से नई दिल्ली स्थित एम्स ले जाने के दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों पर कहा था कि कोर्ट ने कई ऑब्जर्वेशन मनगढंत गढ़े हैं, दुर्भावना से ग्रस्त होकर फैसला दिया है, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामला नहीं टिकेगा, भोला यादव द्वारा मीडिया में दिए गए इसी बयान पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने अवमानना नोटिस जारी किया था.
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