पटना: बिहार के लॉकडाउन को और 10 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया है. नीतीश सरकार का दावा है कि लॉकडाउन लगाने के बाद सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं, मरीजों की तादाद में गिरावट आई है, इसलिए कोरोना की रफ्तार पर नियंत्रण पाने के लिए लॉकडाउन सही विकल्प है. बिहार स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन को देखें तो वाकई नए मरीजों की तादाद में कमी आयी है. वहीं रिकवरी रेट तेजी से बढ़ रहा है.
हालांकि, विभाग के आंकड़ों पर विपक्ष ने सवाल उठाना आरंभ कर दिया है. राजद ने मरीजों की तादाद में आई कमी को आंकड़ों का खेल बताया है. पार्टी ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा है कि, " बिहार सरकार दावा कर रही है कि कोरोना संक्रमितों की तादाद में लगातार कमी आ रही है, जबकि वास्तविकता इसके ठीक उलट है. कोरोना गांवों तक पहुंच गया है. जब शहरों के अस्पताल इतने दयनीय हैं तो गांवों की हालत समझ सकते हैं. पर सरकार के लिए अब गांवों से आंकड़ों का खेल खेलना बहुत आसान है."
बता दें कि बिहार में इन दिनों कोरोना संक्रमण के प्रसार के रफ्तार में थोड़ी गिरावट आई है. लॉकडाउन लगाने का असर मरीजों की तादाद पर दिख रहा है. बिहार स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को सूबे में 7,752 नए संक्रमित मरीज मिले. इनमें पटना में 1485 मरीज हैं. 7,752 नए संक्रमित मिलने के बाद राज्य में सक्रीय मामले की संख्या 96,277 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो बुधवार की अपेक्षा गुरुवार को 14 हजार कम टेस्ट की रिपोर्ट प्राप्त हुई.
बिहार सरकार दावा कर रही है कि कोरोना संक्रमणों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, जबकि वास्तविकता इसके ठीक उलट है!
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) May 14, 2021
कोरोना गाँवों तक पहुँच गया है! जब शहरों के अस्पताल इतने दयनीय हैं तो गाँवों की हालत समझ सकते हैं! पर सरकार के लिए अब गाँवों से आँकड़ों का खेल खेलना बहुत आसान है!
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