नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने आज मंगलवार को वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से अपनी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतारने के कांग्रेस के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब भी सही समय होगा, मैं संसद में उनका अनुसरण करूंगा। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से अपना चुनावी आगाज करेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की घोषणा के बाद , प्रियंका गांधी ने कहा कि वह वायनाड के लोगों को राहुल की कमी महसूस नहीं होने देंगी।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि, "सबसे पहले मैं भाजपा को सबक सिखाने के लिए भारत के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं । उन्होंने धर्म आधारित राजनीति की। मुझे खुशी है कि प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ने जा रही हैं। उन्हें संसद में होना चाहिए, इसलिए नहीं कि वह प्रचार कर रही हैं, बल्कि मैं चाहता हूं कि वह संसद में हों। उन्हें मुझसे पहले संसद में होना चाहिए। जब भी सही समय होगा मैं उसका अनुसरण कर सकता हूं। मैं खुश हूं और मुझे उम्मीद है कि लोग उन्हें अच्छा जनादेश देंगे।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए वाड्रा ने कहा कि, "वे (भाजपा) चिंतित हैं, परेशान हैं। वे यह समझने के लिए एक साथ इकट्ठा हो रहे हैं कि हम आगे क्या कर सकते हैं। प्रियंका मुद्दों को उठाएंगी। उन्होंने नारा दिया - लड़की हूं, लड़का सकती हूं। उन्होंने लंबे समय तक महिलाओं के लिए लड़ाई लड़ी। महिलाओं की आवाज उठाई जाएगी। भाजपा को अपना इतिहास देखना चाहिए। वे परिवारवाद के बारे में बात नहीं कर सकते। लोग अब उन्हें सुनना नहीं चाहते। हम उनसे लड़ेंगे और एक धर्मनिरपेक्ष सरकार सुनिश्चित करेंगे।"
प्रियंका के समर्पण की सराहना करते हुए वाड्रा ने कहा कि, "मैं हमेशा से सक्रिय राजनीति में रहना चाहता था। मैं चाहता था कि वह (प्रियंका गांधी) सांसद बनें। मुझे उम्मीद है कि वह बड़े बहुमत से जीतेंगी। मैं चाहता हूं कि वह लोगों के असली मुद्दे उठाएं। प्रियंका एक बुद्धिमान महिला हैं। मैं चाहता था कि वह मुझसे पहले संसद में हों।" सोमवार शाम को मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। प्रियंका ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, "मैं वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होने के लिए बहुत खुश हूं और मैं उन्हें उनकी (राहुल गांधी की) कमी महसूस नहीं होने दूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी और सभी को खुश करने और एक अच्छी प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी।"
उन्होंने आगे कहा कि, "मेरा रायबरेली और अमेठी से बहुत पुराना रिश्ता है और इसे तोड़ा नहीं जा सकता। मैं रायबरेली में अपने भाई की भी मदद करूंगी। हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे।" इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने गांधी परिवार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गजों को चुनौती दी कि वे "कायरों की तरह चुनौती से बचने के बजाय भाजपा से मुकाबला करें और उत्तर प्रदेश में अपनी वापसी दिखाएं।" अमित मालवीय ने एक्स से कहा, "इतने सालों से हमें बताया जाता रहा है कि प्रियंका वाड्रा अमेठी और रायबरेली का प्रबंधन करती हैं। तो, जब समय आया, तो उन्हें वायनाड क्यों भेज दिया गया? उन्हें रायबरेली से क्यों नहीं उतारा गया, जैसे केएल शर्मा को अमेठी से उतारा गया था। भाजपा से मुकाबला करें और कायरों की तरह भागने के बजाय यूपी में अपने पुनरुत्थान को साबित करें।"
बता दें कि अगर प्रियंका गांधी वाड्रा चुनी जाती हैं, तो यह संसद सदस्य के रूप में उनका पहला कार्यकाल होगा। खास बात यह है कि यह गांधी परिवार के तीनों सदस्यों- सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा- का संसद में एक साथ सेवा करने का पहला मौका भी होगा। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दोनों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के बाद केरल के वायनाड के बजाय रायबरेली के पारिवारिक गढ़ को अपने निर्वाचन क्षेत्र के रूप में बरकरार रखने का विकल्प चुना है। वहीं, अगर रॉबर्ट वाड्रा किसी उपचुनाव से जीतकर संसद पहुँचते हैं, तो परिवार का एक और सदस्य सांसद बन जाएगा, सिर्फ प्रियंका के बच्चे ही शेष रहेंगे, जो अभी 21 और 23 साल के हैं।
'योग और बाजरे को बढ़ावा दें, ये शरीर और मन के लिए आवश्यक..', ग्राम पंचायतों के नाम पीएम मोदी का पत्र
पहले हिजाब फिर किताब..! कॉलेज में बुर्के की मांग लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंची मुस्लिम छात्राएं