ढाका: बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर में कई ईसाइयों को घरों में घुसकर पीटा गया है. दर्जनों हमलावरों ने घरों में लूटपाट और तोड़फोड़ भी की है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने एक रिपोर्ट में इस संबंध में जानकारी दी है. घटना बांग्लादेश के कॉक्स बाजार के शरणार्थी शिविर की है जहां अधिकतर रोहिंग्या मुस्लिम रहते हैं. हमलावरों ने एक पादरी और उनकी 14 साल की लड़की का अपहरण भी कर लिया गया है.
रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से बताया गया है कि 26 जनवरी 2020 की रात को कॉक्स बाजार के शिविर में 22 रोहिंग्या ईसाई परिवारों पर हमले किए गए. 27 जनवरी की सुबह पादरी ताहेर और उनकी 14 वर्षीय बेटी का अपहरण कर लिया गया. ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, कम से कम 12 रोहिंग्या ईसाई जख्मी हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. शिविर में ही बनाए गए चर्च और ईसाइयों के स्कूल को भी नष्ट कर दिया गया है.
हमले के बाद पीड़ित लोगों को यूनाइटेड नेशन्स ट्रांजिट सेंटर में रखा गया है. पुलिस ने 59 हमलावरों के खिलाफ केस दर्ज किया है. बांग्लादेश के बेनार न्यूज एजेंसी और रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा समझा जा रहा है कि हमलावर अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA ) से जुड़े हुए हैं. हालांकि, ARSA के एक प्रतिनिधि ने इन आरोपों का खंडन किया है.
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