जालंधर : रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों का मुद्दा इन दिनों छाया हुआ है. रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को लेकर अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं. जहां बांग्लादेश इन्हें अपनाने को तैयार है, तो भारत में इनको खतरा माना जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि यहां विश्व संवाद केंद्र में एक सेमिनार आयोजित किया गया . इसमें ‘रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थियों पर मुख्य वक्ता सुधीर सहगल ने कहा कि इन शरणार्थियों को भारत में शरण देना खतरे से खाली नहीं है. शरण देने से पहले कुछ बातों पर विचार जरुरी है. सहगल ने कहा कि हमारा देश इनका खर्च झेलने की स्थिति में नहीं है. हम अभी भी अपने देशवासियों को ही सौ फीसदी पानी, पक्की गलियां और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं दे पाए हैं. कई गांवों में बिजली नहीं हैं. यदि ये शरणार्थी यहां आकर जब कम कीमत पर मजदूरी करेंगे, तो हमारे स्थानीय मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे. कई आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ेगा.
बता दें कि सेमिनार के मुख्य वक्ता सहगल ने स्पष्ट कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी तस्करी भी करते हैं. बंगलादेश में रोहिंग्या मुसलमानों के कारण नशा इस साल तक 250 गुना बढ़ा है. यही नहीं चिंता की बात यह है कि ये लोग नशे के व्यापार को बचाने के लिए जेहादियों से हथियार भी लेते हैं. बदले में उनके स्लीपर सैल्स के लिए रैकी भी करते हैं. यह आतंकी संगठनों को अपने यहां शरण भी देते हैं. इसलिए ये लोग भारत के लिए खतरा ही हैं.
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