सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि गवर्मेंट ने रेलवे भर्ती बोर्ड के शुल्क को बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया है। प्रेस इंफार्मेशन ब्यूरो ने अपने ट्विटर हैंडल को बताया है कि यह दावा भ्रामक है। पीआईबी ने कहा है कि अनारक्षित एवं ओबीसी उम्मीदवारों को ₹400 व आरक्षित कैटेगरी के अभ्यर्थियों, महिलाओं तथा दिव्यांगों की पूरी रजिस्ट्रेशन फीस वापस की जाती है।
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सरकार ने रेलवे भर्ती बोर्ड की फीस को बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया है।#PIBFactCheck: यह दावा भ्रामक है। अनारक्षित व ओबीसी परीक्षार्थियों को ₹400 व आरक्षित श्रेणी के परीक्षार्थियों, महिलाओं और दिव्यांगों को पूरा पंजीकरण शुल्क वापस किया जाता है। pic.twitter.com/TmSLRkis5s
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 12, 2021
आपको बता दें कि इससे पूर्व कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्विटर हैंडल से एक जानकारी ट्वीट की थी, जिसमें उन्होंने लिखा था कि रेलवे भर्ती बोर्ड का शुल्क 2013 तक 60 रुपए था। बीजेपी सरकार ने बढ़ाकर उसे 2016 में 500 रुपए कर दिया। बेरोजगारों से भर्ती के नाम पर रेलवे भर्ती बोर्ड 900 करोड़ रुपए वसूल चुका है।
रेलवे भर्ती बोर्ड की फीस 2013 तक 60 रुपए थी। भाजपा सरकार ने बढ़ाकर उसे 2016 में 500 रुपए कर दिया। बेरोजगारों से भर्ती के नाम पर रेलवे भर्ती बोर्ड 900 करोड़ रुपए वसूल चुका है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 11, 2021
लेकिन रोजगार कितना मिला?
युवाओं से जो हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया गया था वो कितना पूरा हुआ? pic.twitter.com/SIwHfs87fU
वायरल हो रही सुचना के मुताबिक, रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की परीक्षाएं भी सरकार की आय का बड़ा माध्यम बन चुकी हैं। बेरोजगारों से परीक्षा के नाम पर बोर्ड जो शुल्क वसूलता है, वो 2013-14 में सिर्फ नौ करोड़ हुआ करता था। 2018 तक यह राशि बढ़कर 900 करोड़ हो गई। खबर के अनुसार, 2016-17 में रेलवे भर्ती बोर्ड की तरफ से कोई नियुक्ति नहीं हुई।
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