बैंगलोर: कर्नाटक की नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार के फ्री बिजली देने के वादे के बीच बड़ा बवाल शुरू हो गया है। दरअसल, कांग्रेस ने चुनाव के समय नागरिकों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, जिसे पार्टी में सरकार बनने के बाद पूरा भी किया है। लेकिन, इसके साथ ही सिद्धारमैया सरकार ने बिजली की कीमतों में इसी महीने (जून) से 2.89 रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने का अभी ऐलान कर दिया है। यानी, यदि कर्नाटक के लोग 200 यूनिट स्लैब से एक यूनिट भी अधिक बिजली खर्च करते हैं, तो उन्हें इसी महीने से 2.89 रुपये प्रति यूनिट अधिक की दर से बिल का भुगतान करना होगा। यह अतिरिक्त लागत ईंधन और बिजली खरीद लागत समायोजन (FPPCA) है और इसमें अप्रैल से बकाया शामिल है। बिलिंग मुद्दों और वक़्त की कमी की वजह से इस जनवरी के लिए FPPCA को मार्च में लागू नहीं किया जा सका था।
This is CONgress latest betrayal, after promising 200 units of free electricity, CM @siddaramaiah has hiked price of one unit of electricity by Rs 2.89. #Karnataka #Congress pic.twitter.com/fTq01AlylV
— Vibhuti Singh (@VibhutiSinghIND) June 6, 2023
जून से यही 1.49 रुपये प्रति यूनिट का FPPCA लगाया जाएगा। इसके अलावा, अप्रैल और जून से 70 पैसे 70 पैसे यानी 1.40 रुपए का इजाफा किया गया है, जिसके चलते कुल मूल्य वृद्धि, अगर कोई दी गई 200 यूनिटी को पार करता है, तो यह 2.89 रुपये प्रति यूनिट अधिक की दर से रहेगी। सोमवार (5 जून) को पूरे कर्नाटक में बिजली आपूर्ति कंपनियों (एस्कॉम) के जारी किए गए मासिक बिजली बिलों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी ने राज्य के हजारों नागरिकों को हैरान कर दिया। जून के लिए Escoms ने उत्पन्न बिजली बिलों में खपत भार के आधार पर 'फिक्स्ड चार्ज' में 50 रुपये से लेकर 75 रुपये तक का भारी इजाफा देखा गया है।
वहीं, भाजपा ने बिजली दरों में 2.89 रुपये प्रति यूनिट का इजाफा करने को लेकर भी कांग्रेस सरकार की आलोचना की है। वहीं, इसको लेकर बेंगलुरु, चिकबल्लापुर, मैसूरु, दावणगेरे और राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किए हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस की नीतियां परस्पर विरोधी हैं, जहां वह फ्री में बिजली दे रही है, वहीं दूसरी ओर उसने बिजली दरों में इजाफा कर दिया है।