मुंबई: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने महिलाओं के लिए किए जा रहे कार्य में रफ़्तार बढ़ाने की आवश्यकता बताई है। नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह के चलते भागवत ने कहा कि देश की जनसंख्या में 50 प्रतिशत महिला वर्ग है। आगे मोहन भागवत ने कहा कि सब लोग बोलते हैं, यह काम होना चाहिए, मगर यह होगा कैसे? व्यवस्था में कुछ परिवर्तन होना चाहिए। समय के अनुसार परिवर्तन हो रहे हैं। मगर इसमें गति बढ़ाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि 30 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए या नहीं होना चाहिए। इस बात को लेकर विवाद चलता रहता है, किन्तु आहिस्ता-आहिस्ता सब हो रहा है।
इससे पहले संघ प्रमुख 9 अगस्त को नागपुर में मराठी साहित्य की संस्था विदर्भ साहित्य संघ के शताब्दी समारोह में भी गए थे। यहां उन्होंने बोला था कि एक संगठन, एक पार्टी, एक नेता परिवर्तन नहीं ला सकते। वे ऐसा करने में केवल सहायता करते हैं। परिवर्तन तब होता है, जब आम आदमी इसके लिए खड़ा होता है। भारत का स्वतंत्रता संग्राम 1857 में बहुत पहले आरम्भ हुआ था, किन्तु यह तभी कामयाब हुआ, जब लोग जागरूक हुए तथा आम आदमी सड़कों पर उतरे।
RSS प्रमुख ने कहा था कि हर कोई जेल नहीं गया था। कुछ लोग इससे दूर रहे थे, किन्तु हर किसी में ये भावना अवश्य थी कि देश को अब आजाद होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि नेता समाज नहीं बनाते हैं, किन्तु समाज नेता बनाता है। RSS चाहता है कि हिंदू समाज अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हो जाए। सब कुछ समाज में परिवर्तन से होता है तथा RSS समाज को संगठित कर रहा है।
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