नई दिल्ली: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली शिकस्त से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चिंतित है. इसके बाद से पांच महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर संघ नेतृत्व सतर्क हो गया है. वो भाजपा की जीत का फार्मूला खोजने के लिए निरंतर मंथन कर रहा है. इसी सिलसिले में बुधवार को दिल्ली स्थित संघ मुख्यालय में क्षेत्र प्रचारकों के साथ भैयाजी जोशी ने देर रात तक बैठक की है.
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संघ को चिंता है कि किसानों की समस्याओं को लेकर क्या कदम उठाए जा सकते हैं, जिनका फायदा अगले दो से तीन महीने में दिखे, रोजगार के मौकों की कमी को लेकर युवाओं की परेशानी को कैसे दूर किया जाए ? राम जन्मभूमि मंदिर मामले में क्या किया जा सकता है? क्या संगठन में बदलाव लाने की आवध्यकता है? संघ इन सब सवालों के जवाब तलाश रहा है.
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संघ के अधिकारियों की भाजपा के आलाकमान से भी लगातार बात हो रही है, संघ का मानना है कि तीन राज्यों के चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार की मौजूदा कार्यशैली के आधार पर लोकसभा चुनाव जीतना मुश्किल है. हालांकि, भाजपा नेता इस बात से सहमत नहीं हैं.
ग्यारह दिन पहले हुई समन्वय बैठक में भी इन सारी बातों पर मंथन किया गया था, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राम मंदिर मुद्दे को जरुरत से अधिक तूल दिए जाने पर सवाल खड़े किए थे.
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