नई दिल्ली : सिंहस्थ कुंभ में बीजेपी प्रमुख अमित शाह द्वारा लगाई गई डुबकी पर संघ ने सवाल खड़े किए है। आरएसएस के वरिष्ठ नेता और भारतीय किसान संघ के उपाध्यक्ष प्रभातर केलकर ने शाह के सामाजिक समरसता स्नान के विरोध किया है। केलकर का कहना है कि ऐसा कदम समाज में भेदभाव को बढ़ाता है।
उन्होने कहा कि अब तक समाज के हर वर्ग के लोग हर कुंभ में बिना किसी जाति, धर्म और वंश के भेदभाव के साथ में स्नान करते आए है। केलकर ने कहा कि जब कोई व्यक्ति साधु बन जाता है, तो उसकी कोई जाति नहीं होती, इसलिए किसी साधु को दलित संत कहना भी ठीक नहीं है।
केलकर ने केवल शाह पर ही हमला नहीं बोला बल्कि सिंहस्थ कुंभ में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी नेताओं के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए जाने पर भी आपत्ति जताई। साथ ही 12-14 मई के बीच उज्जैन में होने वाले वैचारिक महाकुंभ पर भी केलकर ने सवाल उठाया।
इस वैचारिक महाकुंभ में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। सिंहस्थ कुंभ के मौके पर बीजेपी अध्यक्ष के इस कार्यक्रम का विपक्षी दल पहले ही विरोध कर चुके हैं। उनका कहना है कि यह सब यूपी में 2017 में होने वाले चुनावों के मद्देनजर किया जा रहा है ताकि दलित वोटरों को आकर्षित किया जा सके।