नई दिल्ली : आम तौर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को अपने पुराने विचारों पर ही चलने के लिए जाना जाता है, लेकिन लगता है संघ ने वक्त के साथ कदम ताल करना सीख लिया है , क्योकि यही समय की मांग है. बता दें कि आरएसएस ने गत वर्ष दशहरे से अपनी पहचान माने जाने वाली खाकी नेकर को ब्राउन फुल पेंट में तब्दील करने का फैसला किया था , उसके बाद अब युवाओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने और उन तक सीधे अपनी बात पहुंचाने के लिए 'इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र' वेब चैनल शुरू कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि आरएसएस का वेब चैनल शुरू करने का कदम उसका वामपंथी विचारधारा से मुकाबला करने के लिए एक और हथियार के रूप में देखा जा रहा है. इसमें एबीवीपी को लेकर उठने वाले सवालों का जवाब देने का प्रयास किया गया है.अब आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी भी किसी विषय पर अपनी बात मीडिया तक पहुंचाने के लिए इसी वेब चैनल का उपयोग करेंगे. इस चैनल में आरएसएस के कार्यक्रमों की कवरेज भी शामिल होगी.
समय का बदलाव देखिए कि कुछ समय पहले तक सोशल मीडिया के इस्तेमाल से परहेज करने वाले आरएसएस के कई पदाधिकारी खुलकर सोशल मीडिया पर संगठन का पक्ष रखने लगे हैं.आरएसएस के एक नेता केअनुसार कई बार आरएसएस को लेकर गलत बातें फैलाने की कोशिश की जाती है, इसलिए यह वेब चैनल विभिन्न विषयों में आरएसएस की सोच को तो लोगों के बीच पहुंचाएगा ही, साथ ही संगठन को लेकर जो गलतफहमियां हैं, वे भी दूर करने की कोशिश करेगा.
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