कोच्ची: दक्षिणी राज्य केरल में ‘त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB)’ ने सर्कुलर जारी करते हुए बोर्ड के अधीन आने वाली मंदिर परिसरों में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)’ द्वारा लगाई जाने वाली सामूहिक शाखाओं और अन्य कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। 18 मई 2023 को जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के मंदिरों में RSS को शाखा लगाने की भी अनुमति नहीं होगी। कहा गया है कि सर्कुलर का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Kerala | Travancore Devaswom Board issued a circular on May 18 to all temples under them to not allow mass drills and other activities organised by the RSS on temple premises. The circular says that this should be strictly followed and action will be taken against those officers…
— ANI (@ANI) May 23, 2023
TDB द्वारा जारी किए गए सर्कुलर, पहले वाले आदेश की पुनरावृत्ति है। जिसमें हिंदू मंदिरों में संघ की गतिविधियों पर बैन लगाने की बात कही गई थी। नए सर्कुलर में इन आदेशों का पालन न करने पर असंतोष प्रकट किया गया है। इसलिए इस दफा आदेश का पालन न किए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। बोर्ड के सेक्रेटरी द्वारा 30 मार्च, 2021 को जारी सर्कुलर के मुताबिक, मंदिर परिसरों में अनुष्ठानों और त्योहारों के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों पर बैन लगा दिया गया था। TDB ने वर्ष 2016 में भी एक सर्कुलर जारी कर मंदिर परिसरों में संघ के हथियार प्रशिक्षण और शारीरिक अभ्यास पर रोक लगा दी थी।
वहीं, कांग्रेस की ओर से TDB के सर्कुलर का समर्थन किया गया है। कांग्रेस नेता और केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीसन ने कहा है कि बोर्ड ने पहले भी सर्कुलर जारी किया था, मगर RSS द्वारा उसका उल्लंघन किया गया। संघ द्वारा लोगों के बीच नफरत फैलाकर उन्हें बाँटने का प्रयास किया जा रहा है। सतीसन ने कहा कि मंदिर जैसी पवित्र जगह का इस्तेमाल इस तरह की गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता।
Hindu outfits condemn the Travancore Devaswom Board's circular against RSS activities inside the temple premises across the state, term it 'appeasement'.
— TIMES NOW (@TimesNow) May 23, 2023
By secularising the temples, temples are being turned into institutions which have nothing to do with Dharma: @RatanSharda55 pic.twitter.com/6lYCKFHbBJ
वहीं, हिन्दू संगठनों ने RSS की गतिविधियों के खिलाफ जारी सर्कुलर की आलोचना की है। संघ से जुड़े एक लेखक रतन शारदा ने इस सर्कुलर को तुष्टिकरण की राजनीति बताया है। उन्होंने कहा है कि मंदिरों को धर्मनिरपेक्ष बनाकर ऐसी संस्थाओं में बदला जा रहा है, जिनका धर्म से कोई वास्ता नहीं है।
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