कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार यानी आज नीति आयोग द्वारा एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज ने का RTI आवेदन रद्द करने पर केंद्र सरकार पर हमला कर दिया. अंजलि भारद्वाज ने आरटीआई के माध्यम से कृषि कानूनों को लेकर सूचना मांगी थी. जंहा चिदंबरम ने रविवार को एक के उपरांत कई ट्वीट किए. चिंदबरम ने ट्वीट में लुईस कैरोल के एलिस इन वंडरलैंड का भी जिक्र कर चुके है. उन्होंने बोला कि नीति आयोग द्वारा कृषि पर बनाई गई सीएम की कमेटी ने सितंबर 2019 में विचार-विमर्श पूरा कर लिया और 16 मीने बाद अपनी रिपोर्ट भी दी जा चुकी है. अब तक वह रिपोर्ट नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल के सामने पेश नहीं हुई है! क्यों किसी को कुछ पता नहीं और कोई जवाब भी नहीं देगा!
केंद्र सरकार को घेरा: जंहा इस बात का पता चला है कि चिदंबरम ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अंजलि भारद्वाज जरिए किए गए RTI अनुरोध को अस्वीकार किया जा चुका है. उन्होंने कहा- मैं अंजलि भारद्वाज को उनके तप और इस सूचना तक पहुंचने के लिए सलाम करता हूं. चिंदबरम ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलकारियों को लेकर केंद्र सरकार के रवैये की आलोचना की.
दिसंबर में चिदंबरम ने ट्वीट किया था कि मंत्री आंदोलनकारी कृषकों को खालिस्तानी, पाक और चीन का एजेंट, माओवादी और टुकडे-टुकडे गैंग का परिवार कहा जा रहा है. अगर इन सभी श्रेणियों को हटा लिया जाए तो जिसका मतलब हजारों प्रदर्शनकारियों में एक भी किसान नहीं है. अगर कोई किसान नहीं है, तो गवर्नमेंट फिर उनसे बात क्यों कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत: मिली जानकारी के अनुसार केस में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का स्वागत किया था और कहा था कि किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता उचिक है और समाधान निकालने के लिए समिति के गठन का फैसला बहुत उचित था. कृषि कानूनों के खिलाफ 9 अगस्त से प्रदर्शन चल रहा है. किसानों और केंद्र सरकार के बीच अगल दौर की वर्ता 19 जनवरी को होनी है.
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