नई दिल्ली: पाठ्यपुस्तकों में मुगलों का महिमामंडल करने वाली नेशनल काउंसिल ऑफ एड्यूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) को भरतपुर के एक RTI कार्यकर्ता ने लीगल नोटिस भेजा है। NCERT को ये नोटिस मुगलों पर अप्रमाणित कंटेंट प्रकाशित करने को लेकर भेजा गया है। दरअसल, NCERT की कक्षा-12 की इतिहास की किताब में यह दावा किया गया है कि जब (हिंदू) मंदिरों को युद्ध के दौरान नष्ट कर दिया गया था, तब भी उनकी मरम्मत और देखरेख के लिए शाहजहाँ और औरंगजेब द्वारा अनुदान जारी किए जाते थे।
अब इसी दावे को लेकर भरतपुर के RTI वर्कर दपिंदर सिंह ने NCERT के खिलाफ ये कानूनी कदम उठाया है। इससे पहले उन्होंने एक RTI लगाई थी, जिसमें उन्होंने सवाल पुछा था कि कक्षा 12 की इतिहास की पुस्तक में जो दावे किए गए हैं, उसके स्रोत और उसके पीछे के तथ्य क्या हैं, जिनके आधार पर ये पढ़ाया जा रहा है? इस RTI के उत्तर में जब NCERT कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया और कहा कि उनके पास इसका कोई रेफरेंस मौजूद नहीं है, तो दपिंदर सिंह ने उन्हें यह लीगल नोटिस भेजा।
दपिंदर सिंह का कहना है कि आखिर बच्चों को गलत इतिहास क्यों पढ़ाया जा रहा है। क्यों स्पष्ट तौर पर न सिर्फ बच्चों को खुलेआम बरगलाने का काम किया जा रहा है, बल्कि उनके साथ भी खिलवाड़ हो रहा है, जो किसी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। दपिंदर ने पुस्तक में पढ़ाए जाने वाले कंटेंट में बदलाव करने की माँग की है। उनका मानना है कि बगैर प्रमाण कैसे मुगल शासक जैसे औरंगजेब व शाहजहाँ को महान बताया गया है। इतिहास तो तथ्यों व सूचनाओं पर आधारित होता है, अगर ऐसे जानकारी दी जाएगी तो ये इतिहास से खिलवाड़ होगा।
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