मुंबई: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे के कुछ विद्यार्थियों ने कथित तौर पर फिलिस्तीनी दहशतगर्दो के समर्थन में बोलने के लिए एक प्रोफेसर तथा एक गेस्ट स्पीकर के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज किया है। शुक्रवार को एक अफसर ने यह खबर दी। छात्रों ने बुधवार को दर्ज कराई गई शिकायत में 6 नवंबर को हुई चर्चा के लिए ह्यूमैनिटीज और सोशल साइंस (एचएसएस) विभाग की प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा और गेस्ट स्पीकर सुधन्वा देशपांडे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
दरअसल, इजरायल एवं फिलिस्तीनी आंतकी संगठन हमास के बीच जंग 35 दिन हो चुके हैं। इस जंग में हजारों व्यक्तियों की जान चली गई है। एक तरफ जहां अमेरिका और यूके सहित कई बड़े देश इजरायल के साथ हैं, वहीं दूसरी तरफ फिलिस्तीन को भी 22 अरब देशों का साथ मिला है। इस बीच भारत में भी दो खेमे बनते नजर आ रहे हैं। कुछ लोग खुलकर इजरायल का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ फिलिस्तीन को यूं अकेला छोड़ने से नाखुश हैं। इस बीच IIT बॉम्बे के प्रोफेसर और गेस्ट स्पीकर पर हमास (फिलिस्तीनी आंतकी संगठन) के समर्थन में चर्चा करने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज हुई है। वही एक छात्र ने बताया, 'हम अकादमिक पाठ्यक्रम 'एचएस 835 परफॉर्मेंस थ्योरी एंड प्रैक्सिस' के बहाने प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा द्वारा पक्षपातपूर्ण तथा तथ्यात्मक रूप से झूठी कहानियों के साथ छात्रों को प्रेरित करने के लिए ऐसे घृणित वक्ताओं की मेजबानी करने के ज़बरदस्त प्रयास की निंदा करते हैं।' पुलिस को दिए गए अपने शिकायत पत्र में, छात्रों ने दावा किया कि साहा ने "देशपांडे (एक कट्टरपंथी वामपंथी) को अपने पाठ्यक्रम कार्य एचएस 835 के हिस्से के तौर पर आमंत्रित करने के लिए अपने पद का अनुचित इस्तेमाल किया था।" उन्होंने आरोप लगाया कि गेस्ट स्पीकर सुधन्वा देशपांडे ने फिलिस्तीनी आतंकवादी जकारिया जुबैदी का गुणगान किया है तथा इससे IIT बॉम्बे की शैक्षणिक अखंडता और सुरक्षा पर परेशान करने वाले परिणाम होंगे।
शिकायत पत्र में कहा गया है कि कार्यक्रम के चलते, देशपांडे ने एक बयान दिया जिसने महत्वपूर्ण चिंता उत्पन्न कर दी है। उन्होंने न सिर्फ 2015 में फिलिस्तीनी आतंकवादी जुबैदी से मिलने की बात स्वीकार की, बल्कि हिंसा और सशस्त्र विद्रोह का बचाव और महिमामंडन भी किया। जुबैदी अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड से जुड़ा व्यक्ति है। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और इजरायल सहित तमाम सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा एक आतंकवादी के रूप में नामित एक संगठन है। इसमें बताया गया है कि अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड को आतंकवाद एवं नागरिकों को निशाना बनाने वाले हमला करने वाले घटनाओं से जुड़ा रहा है, इसलिए प्रोफेसर एवं गेस्ट स्पीकर का संगठन से जुड़ाव गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। शिकायत में देशपांडे के हवाले से कहा गया है कि "फिलिस्तीनी संघर्ष एक स्वतंत्रता संग्राम है। तथा दुनिया के इतिहास में, उपनिवेशवाद के इतिहास में ऐसा कोई संघर्ष नहीं हुआ है जो पूरी तरह से 100 प्रतिशत अहिंसक हो। ऐसा कभी नहीं है! भारतीय स्वतंत्रता संग्राम था 100 प्रतिशत अहिंसक नहीं वगैरह वगैरह।" IIT के छात्रों ने इस प्रकार की गतिविधियों से युवा छात्रों के प्रभावशाली दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव तथा आतंकवाद से जुड़ी विचारधाराओं को बढ़ावा देने से जुड़े संभावित सुरक्षा जोखिमों के बारे में चिंता जताई तथा पुलिस से मामले की तहकीकात करने की अपील की।
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