अक्सर आपने कई व्यक्तियों को विभिन्न तरह की माला को पहने हुए देखा होगा। माला पहनने की प्रथा हिन्दू काल से चली आ रही है। भगवानों से लेकर राजा एवं यहां तक की आम व्यक्ति अपने गले में कभी खुबसुरतै के लिए तो कभी शुभता के लिए इस माला को धारण करता रहा है। शुभता एवं सौंदर्य को बढ़ाने वाली इन मालाओं को धारण करने का अपना एक नियम है, जिसकी अनदेखी करने पर अक्सर इसके शुभ फल की जगह नकारात्मक नतीजा सामने आने लगते हैं। आइए जानते हैं कि किस माला को पहनते वक़्त हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
तुलसी की माला:-
सबसे पहले बात करते हैं तुलसी की, जिसे विष्णु प्रिया बोला जाता है। हिन्दू प्रथा में पूजा में प्रसाद के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली तुलसी की माला को धारण करना तथा उससे जप करना बहुत ही फलदायी माना गया है। तुलसी के बीजों की बनी माला को पहनने से मानसिक शांति मिलती है। तुलसी की माला को धारण करने वाले मनुष्य में सात्विक भावनाएं जाग्रत होती हैं। इस पवित्र माला को धारण करने से दूध एवं गंगाजल से धोकर प्रभु श्री विष्णु को अर्पित करना चाहिए। इसके उनकी आराधना करने के पश्चात् प्रसाद स्वरूप मानकर गले में धारण करना चाहिए। तुलसी की माला को पहनकर शौच के लिए नहीं जाना चाहिए तथा न ही मांस–मदिरा का इस्तेमाल करना चाहिए।
रुद्राक्ष की माला:-
महादेव की कृपा पाने के लिए रुद्राक्ष बहुत शुभ माना जाता है। इस पवित्र बीज में सबसे बड़ी विशेषता होती है कि यह आपके आस–पास ऊर्जा का एक सुरक्षा कवच बना देता है, जिसके चलते कई प्रकार की बाधाएं आपको प्रभावित नहीं कर पाती हैं। तुलसी की माला की भांति रुद्राक्ष को भी धारण करने वाले मनुष्य को उसकी पवित्रता का पूरा ध्यान रखना होता है।
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