भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल को कई लोग अपने घर में रखते हैं और उनकी पूजा करते है। जी हाँ, और कई लोग लड्डू गोपाल को घर में परिवार के सदस्य के रूप में लाते हैं उनकी सेवा करते हैं। हालाँकि शास्त्रों के अनुसार, घर में लड्डू गोपाल को रखने से पहले या लड्डू गोपाल की पूजा के दौरान कुछ नियमों को जान लेना बेहद जरूरी है अगर वह नियम पालन में ना लिए जाए तो बड़े नुकसान हो सकते हैं और आज हम आपको उसी के बारे में बताने जा रहे हैं।
लड्डू गोपाल का स्नान- जैसे माताएं अपने बच्चों को रोजाना स्नान करवाती हैं, उसी प्रकार से लड्डू गोपाल को भी स्नान कराना जरूरी माना गया है। इसी के साथ लड्डू गोपाल का ख्याल एक बालक की तरह ही रखा जाता है। इसके अलावा ध्यान रहे लड्डू गोपाल को स्नान कराते समय छोटे आकार के शंख का इस्तेमाल करें। जी दरअसल धार्मिक मान्यतानुसार शंख मां लक्ष्मी का प्रतीक है। इसी के साथ लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उस जल को तुलसी में विसर्जित किया जाता है। ध्यान रहे लड्डू गोपाल को त्यौहार पर पंचामृत रोजाना में गोपी चंदन से स्नान कराया जाता है। इसी के साथ स्नान के बाद उन्हें साफ वस्त्र पहनाना जरूरी माना गया है।
लड्डू गोपाल का श्रृंगार- लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उनका श्रृंगार करें। चंदन का टीका लगाए और उसके बाद उनकी नजर उतारे।
लड्डू गोपाल का भोग- दिन में चार बार भोग लगाए। भोग में सात्विक चीजों का इस्तेमाल करें। ध्यान रहे जिस घर में लड्डू गोपाल की सेवा की जाती है, उस घर में मांसाहारी व्यंजन नहीं पकाया जाता है। इसी के साथ भोजन में लहसुन, प्याज आदि का इस्तेमाल करने से भी परहेज किया जाता है।
लड्डू गोपाल को न छोड़ें अकेले- जिस घर में लड्डू गोपाल को विराजमान किया जाता है, उस स्थान को अकेला नहीं छोड़ा जाता है। अगर आप कहीं दूर जा रहे हैं तो उन्हें साथ लेकर जाएं।
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