बैंकिंग हेराफेरी को नियंत्रित करने के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने एक जनवरी 2021 से चेक भुगतान के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम लाने का फैसला लिया है। आरबीआई बैंकिंग हेराफेरी में कमी लाने के लिए वक़्त-वक़्त पर कदम उठाता रहता है। इसी दिशा में आरबीआई अब चेक भुगतान में हेराफेरी रोकने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम ला रहा है। इस सिस्टम में 50,000 से ज्यादा के पेमेंट में दोबारा पुष्टि करने के लिए मुख्य जानकारियों की जरुरत होगी। इस सुविधा का इस्तेमाल करना खाताधारक पर डिपेंड करेगा।
1. पांच लाख से ज्यादा के पेमेंट के लिए बैंक इस सिस्टम को अनिवार्य बना सकते हैं।
2. सकारात्मक भुगतान प्रणाली के अनुसार चेक जारी करने वाले को अब उस चेक की कम से कम जानकारी जैसे- तारीख, लाभार्थी का नाम, आदाता तथा रकम आदि की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक तौर पर एसएमएस, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग अथवा एटीएम के जरिये सबमिट करनी होगी।
3. पेमेंट के लिए चेक प्रस्तुत किए जाने से पहले इन विवरणों को क्रॉस-चेक किया जाएगा।
4. कोई भी विसंगति नजर आने पर निवारण उपाय किए जाएंगे।
5. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में पॉजिटिव पेमेंट की सुविधा विकसित करेगा तथा इसे सहभागी बैंकों को उपलब्ध कराएगा। तत्पश्चात बैंक 50,000 रुपये तथा उससे ज्यादा की रकम के चेक जारी करने वाले सभी खाताधारकों के लिए इस सुविधा को समर्थ बनाएंगे।
6. आरबीआई ने कहा, "बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे अपने कस्टमर के मध्य एसएमएस अलर्ट, ब्रांचेस में डिसप्ले, एटीएम, अपने पोर्टल तथा इंटरनेट बैंकिंग के जरिये सकारात्मक वेतन प्रणाली के बारे में पर्याप्त जागरूकता उत्पन्न करें।"
7. इसमें कहा गया है कि सिर्फ वे चेक जो सकारात्मक वेतन प्रणाली निर्देशों के अनुसार हैं, उन्हें ही सीटीएस ग्रिड में विवाद समाधान तंत्र के तहत कबूल किया जाएगा।
8. हालाँकि, बैंक CTS के बाहर क्लीयर तथा एकत्र किए गए चेक के लिए भी समान इंतजाम को निर्धारित करने के लिए आजाद हैं।
इसी के साथ इन नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है।
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