संघर्ष, दुख-पीड़ा और तमाम तरह के उतार-चढ़ावों को पार कर अभिनेत्री रूपा गांगुली ने जीवन के हर मुकाम में जीत को अपने नाम कर लिया है। यहीं नही वह आज कई लोगों के लिए प्रेरणा भी बन चुकी है। खबरों का कहना है कि स्वयं भी वह महिलाओं के उत्थान के लिए कोशिश करती ही रहती है और अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वाह करती हैं। एक अदाकारा के तौर पर भी किरदारों में ढल जाने की कला को भी बहुत अच्छी तरह से जानती है। उन्होंने फिल्मों में, टीवी धारावाहिकों में बेहतरीन किरदार अदा किए है। आज एक्ट्रेस रूपा गांगुली का जन्मदिन (25 नवंबर 1966) है। तो चलिए जानते है उनके बारें में कुछ ख़ास बातें...
द्रौपदी के किरदार ने दी अलग पहचान :रूपा गांगुली ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत बंगाली मूवीज के साथ की थी। कुछ वक़्त के उपरांत ही वह बी.आर चोपड़ा निर्मित टीवी धारावाहिक 'महाभारत (1989)' का हिस्सा बनीं। इस धारावाहिक ने उन्हें घर-घर एक जाना-पहचाना नाम भी बन चुकी है। धारावाहिक 'महाभारत' में रूपा ने द्रौपदी का किरदार को अदा किया है। उन्होंने इस किरदार को इतना बखूबी निभाया कि आज भी उन्हें टीवी की द्रौपदी के नाम से भी पहचाना जाता है। इस सीरियल ने उन्हें शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाने में मदद की।
शादी के बाद मुश्किल हो गई जिंदगी: खबरों का कहना है कि रूपा गांगुली का अभिनय करियर बेहद ही शानदार चल रहा था, ऐसे में उन्होंने निजी जीवन में भी विवाह करके सेटल होने का मन बना लिया। ध्रुबो मुखर्जी नाम के एक शख्स से उन्होंने 1992 में शादी की। यह शादी उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती सिद्ध हुई। पति के खराब व्यवहार ने उन्हें भीतर तक तोड़कर रख दिया। नौबत यहां तक आ गई कि रूपा गांगुली ने कई बार सुसाइड करने की कोशिश की, एक बार नहीं बल्कि तीन बार उन्होंने ऐसा किया। हर बार किस्मत उनका साथ देती और उनका जीवन बच जाता है। लेकिन 1997 में बेटे आकाश के जन्म के उपरांत उन्होंने जिंदगी को दूसरा अवसर दिया। खुद को फिर खड़ा किया, एक्टिंग करना शुरू कर दी। खुद के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को वापस हासिल किया। आखिर में ध्रुबो मुखर्जी से उन्होंने अलग होने का निर्णय किया और वह मुंबई आई। यहां आकर उन्होंने अपने अभिनय करियर पर पूरी तरह से ध्यान दिया। पति से अलगाव के दौरान ही रूपा को दोबारा प्रेम भी हुआ। रूपा गांगुली को एक बंगाली गायक दिव्येंदु मुखर्जी से प्रेम और सम्मान दोनों मिला। यह दोनों लंबे समय तक रिलेशनशिप में रहे। अब यह दोनों साथ नहीं है, इसके बावजूद इनके बीच एक सम्मान वाला रिश्ता बन गया।
मां होने का कर्त्तव्य भी निभा रही हैं: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रूपा गांगुली पति से अलग होने के उपरांत मुंबई चली आई थीं, लेकिन उन्होंने अपने बेटे को पिता के पास ही रहने के लिए छोड़ दिया। बेटे की कस्टडी के लिए किसी तरह का केस नहीं लड़ा। इतना ही नहीं अब रूपा का बेटा बड़ा हो चुका है। ऐसे में उन्होंने बेटे को अपनी पूरी स्थिति को अबखूबी समझा दिया। आज बेटे और उनके बीच एक अच्छा और प्यार रिश्ता कहा जा रहा है।
महिला मुद्दों पर रहीं मुखर-राजनीति में हुईं सक्रिय: अब तक मिली जानकारी के अनुसार रूपा गांगुली सिर्फ अभिनय में ही सक्रिय नहीं रही, वह महिला केसों को लेकर भी काफी मुखर रही हैं। यही वजह है कि वह राजनीति में आईं। वह साल 2015 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं और बंगाल में महिलाओं से जुड़े सवाल खड़े करती रहती है। वर्ष 2016 में रूपा गांगुली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया। संसद में भी वह महिलाओं से जुड़े विषय उठाती रहीं, जिससे की आधी आबादी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आए।
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