नई दिल्ली : भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कल मजबूत हुआ। शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 15 पैसे मजबूत होकर 69.99 पर आ गया। बीते शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 14 पैसे कमजोर होकर 70.14 के स्तर पर बंद हुआ था। रुपये की मजबूती की वजह ग्रीनबैक का कमजोर होना, हालिया विदेशी निवेश और घरेलु इक्विटी की शानदार ओपनिंग रही है।
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ऐसे होता है कीमत का आंकलन
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा यानि आयात-निर्यात करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है।
सप्ताह की शुरुआत में 14 पैसे की मजबूती के साथ खुला रुपया
इस तरह कमजोर होता है रुपया
जानकारी के लिए बता दें अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है।
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