नई दिल्ली : सप्ताह की शुरुआत में यानी सोमवार को रुपये में कमजोरी के साथ शुरुआत हुई। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे की कमजारी के साथ 69.23 रुपये के स्तर पर खुला। वहीं शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे टूटकर 69.15 के स्तर पर बंद हुआ था। वही आज बाजार में भी मामली बढ़त देखने को मिली है.
रविवार को पेट्रोल और डीजल के रेट में हुई बढ़ोत्तरी दर्ज
इस तरह तय होते है दाम
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा (आयात-निर्यात) करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है।
विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने सचिव को दिये, जेट एयरवेज से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करने के निर्देश
ऐसे पड़ता है भाव पर असर
इसी के साथ अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है।
पाकिस्तान में लगातार बढ़ती जा रही है बदहाली, बाजार की हालत बेहद ख़राब
केंद्र में बनने वाली नई सरकार बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य में कर सकती है कटौती
फरवरी में घटी भारत की फैक्टरी उत्पादन दर