नई दिल्ली : सप्ताह के तीसरे दिन यानी बुधवार को रुपये की कमजोरी के साथ शुरुआत हुई। आज को डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे की कमजोरी के साथ 70.60 रुपये के स्तर पर खुला है। वहीं मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 42 पैसे की मजबूती के साथ 70.49 के स्तर पर बंद हुआ।
डॉलर के मुकाबले 4 पैसे की कमजोरी के साथ खुला रुपया
इस कारण कम होता है रुपया
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है।
सप्ताह के दूसरे दिन शुरुआती कारोबार में नजर आई 59.95 अंकों की गिरावट
अन्य कई तरह से भी पड़ता है असर
जानकारी के अनुसार भारत अपनी जरूरत का करीब 80% पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है। डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात महंगा हो जाएगा। इस वजह से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ा सकती हैं। डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई बढ़ सकती है। इसके अलावा, भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है। रुपये की कमजोरी से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
डॉलर के मुकाबले 18 पैसे की कमजोरी के साथ खुला रुपया
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