नई दिल्ली : विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले मंगलवार को रुपया करीब 9 पैसे की मजबूती के साथ 71.19 रुपये के स्तर पर खुला। वहीं सोमवार को रुपया 10 पैसे कमजोर होकर 71.28 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
सोने के दामों में आज फिर आया उछाल, चांदी की कीमतें रही स्थिर
ऐसे कम होती है कीमत
जानकारी के लिए बता दें करेंसी विशेषयज्ञों के अनुसार रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करती है। इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का भी इस पर असर पड़ता है। हर देश के पास उस विदेशी मुद्रा का भंडार होता है, जिसमें वो लेन-देन करता है। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा की चाल तय होती है। अमरीकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है और ज्यादातर देश इंपोर्ट का बिल डॉलर में ही चुकाते हैं।
सप्ताह के पहले दिन बाजार में देखने को मिल रही है बढ़त
इनसे भी पड़ता है असर
जानकारी के लिए बता दें रुपये के लगातार कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण कच्चे तेल के बढ़ते दाम हैं। भारत कच्चे तेल के बड़े इंपोर्टर्स में एक है। भारत ज्यादा तेल इंपोर्ट करता है और इसका बिल भी उसे डॉलर में चुकाना पड़ता है। इसी के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में अक्सर जमकर बिकवाली करते हैं। जब ऐसा होता है तो रुपये पर दबाव बनता है और यह डॉलर के मुकाबले टूट जाता है।
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