मास्को: रूस का S-400 डिफेंस सिस्टम 2025 तक भारतीय वायु सेना को वितरित कर रहा है. वहीं मिशन के उप प्रमुख बाबूसकिन ने बीते शुक्रवार यानी 17 जनवरी 2020 को कहा कि 2025 तक सभी एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को भारत में वितरित किया जाएगा. जंहा उन्होंने कहा कि एस-400 मिसाइलों का उत्पादन भारत में किया जाना शुरू हो गया है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस-भारतीय-चीन त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए 22 मार्च और 23 मार्च को रूस जाएंगे. बता दें कि एस-400, एस-300 का उन्नत संस्करण है, जो पहले केवल रूसी रक्षा बलों के लिए उपलब्ध था.
आपकी जानकरी के लिए हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच S-400 एयर डिफेंस सिस्टम पर डील हुई थी. इसके तहत रूस करीब 5 अरब डॉलर यानी 40 हज़ार करोड़ रुपए में S-400 डिफेंस सिस्टम की पांच रेजिमेंट्स भारत को बेचेगा. वहीं यह डिफेंस सिस्टम पहले भारत को 2020 में मिलना था, लेकिन अब यह सिस्टम् 2025 तक मिलेगा. जंहा भारतीय वायु सेना काफी मजबूत बन जाएगी. वहीं इस बात पर भी गौर दिया जाएगा कि यह कैसे काम करता है. इसे लेकर पाकिस्तान क्यों चिंतित है. बता दें कि रूस ने चीन को भी यह डिफेंस सिस्टम बेचा है, जो उसे 2018 हासिल हो गया है.
भारत को इसका क्या फायदा होगा; सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि भारत की एयर फोर्स इस डिफेंस सिस्टम से लैस होगी, तो वह पाकिस्तान को बहुत पीछे छोड़ देगी. जंहा यह डिफेंस सिस्टम पाक की कम दूरी वाली परमाणु मिसाइलों को गिरा सकता है. जंहा भारत की चीन से लगती हुई सीमा 4000 किमी लंबी है, जिसकी सुरक्षा में सिस्टम से मदद मिलेगी. इस सिस्टम के बूते चीन बॉर्डर पर तिब्बत और पाकिस्तान बॉर्डर पर अफगानिस्तान की थाह ली जा सकती है.
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